रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है. CM बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि माननीय @PMOIndia  को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवारों को मुआवजा के रूप में 4 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाए. मुआवजा राशि में एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 75:25 के अनुपात से हम राज्य के हिस्से की राशि देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

सीएम ने लिखा कि कीविड-19 महामारी ने इस देश की अधिकांश आबादी को बुरी तरह प्रभावित किया है. लोगों की असमय मौत हुई है. व्यवसाय बंद हो गए हैं. लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं. परिवार में अपने कमाऊ सदस्यों को खो दिया है. महामारी ने लोगों को सड़को पर ला दिया है. परिवारों ने सारी संपत्ति गंवा दी. इतना ही नहीं वो भारी कर्ज में डूब गए हैं.

कठिन समय में मुआवजे के रूप में सिर्फ 50 हजार रुपये बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया है कि मुआवजा देने के बाद सरकार के पास कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार के खजाने में पर्याप्त धन नहीं बचा, जबकि सरकार लगातार महंगा पेट्रोल-डीजल बेच कर जनता से कर एकत्रित कर रही है. दूसरी तरफ कारपोरेट को लगातार कर में रियायत दी जा रही है. वहीं सरकार देश के आम नागरिकों को कर राहत देने से इनकार करती है.

सीएम ने लिखा कि हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 14 मार्च 2020 (33-4/2020- एनडीएम-1) को अधिसूचित अपने पहले आदेश को लागू करे, जिसमें सरकार ने प्रति मृतक 4 लाख रुपये मुआवजा राशि दिए जाने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार ने बाद में इस अधिसूचना में संशोधन किया और मुआवजे की राशि को घटाकर 50,000 रुपए कर दिया. हमें लगता है कि ऐसे संकट के समय में यह जरूरी है कि सरकार कोरोना से मृतक व्यक्ति के परिवारों को मुआवजा के रूप में पूर्व घोषित 4 लाख रुपए की राशि देने का आवश्यक प्रयास करे.

हमारा ऐसा मानना है कि एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार मुआवजा राशि 4 लाख रुपए में से 75% जो कि 3 लाख रुपए होते हैं, केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाना है, जबकि शेष 25% जो कि 1 लाख रुपए हैं, राज्यों की जिम्मेवारी होगी. हम कुल 4 लाख रुपए मुआवजे की राशि में से राज्य के हिस्से की राशि देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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