सुप्रिया पांडेय/सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। धान खरीदी केंद्रों में आज से किसानों को टोकन मिलना शुरू हो गया है. लेकिन कई धान खरीदी केंद्र में किसान बिना बारदाना के टोकन नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें पहले 25 प्रतिशत बारदाने की व्यवस्था करने कहा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मंत्री भगत ने टोकन देने के लिए इस तरह की कोई बाध्यता नहीं होने की बात कह रहे हैं.

किसानों को समस्या बताते हुए किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि बारदाने की काफी समस्या आ रही है. समितियों का कहना है कि किसान यदि 25 प्रतिशत बारदाना लेकर आएंगे तो ही धान की खरीदी होगी. कई किसानों के पास बारदाने नहीं हैं. बाजारों में किसानों को 30 रुपए के बारदाने 50 रुपए में मिल रहे हैं, और बाजारों में भी बारदाने की कमी है, इसलिए किसान परेशान है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दूसरे पर आरोप लगा रही है, लेकिन उन्हें किसानों के लिए कुछ करना चाहिए, धान खरीदी केंद्र पर बारदाने की व्यवस्था करनी चाहिए,

वहीं किसानों की इस परेशानी पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सुनने में फेर हुआ होगा. ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसानों से अनिवार्य तौर पर बारदाना लिया जाए. किसानों की इच्छा अनुरूप बारदाना ले रहे हैं, क्योंकि इस बार रक़बा पंजीयन बढ़ा है, और इससे धान भी ज़्यादा आएगा और केंद्र सरकार से हमें जितना बारदाना चाहिए उतना केंद्र सरकार उपलब्ध नहीं करा रहा है.

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मंत्री ने कहा कि इस साल एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान ख़रीदी का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए लगभग सवा 5 लाख गठान  बारदाने की ज़रूरत है. एक लाख गठान मिलर से 60 हज़ार गठान पीडीएस से, एक लाख से ज़्यादा प्लास्टिक बारदाना का इस्तेमाल किया जाएगा और वहीं से अंतर बारदाने को किसान से किसानों के इच्छा से लिया जाएगा.

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