विप्लव गुप्ता,पेन्ड्रा. छत्तीसगढ़ के एकमात्र शासकीय महिला शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय में महिला छात्रावास अधीक्षिका द्वारा छात्राओं को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. प्रताड़ित छात्रा को कल देर शाम बेहोश होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद पीड़ित छात्रा के परिजनों ने मामले की शिकायत थाने में की है. वहीं पुलिस शिकायत मिलने के बाद जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

यह पूरा मामला शासकीय महिला शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय पेंड्रा का है. यहां प्रदेश भर से छात्राएं बीपीएड और डीपीएड का कोर्स करने आती हैं. इन छात्राओं के रूकने की व्यवस्था शासकीय छात्रावास में की जाती है. लेकिन पिछले कुछ समय से यहां ​की व्यवस्था कुछ ठीक नहीं है. इस बार एक सप्ताह में ये दूसरा मामला है, जो थाने पहुंचा है. जिसमें वहां की छात्रा ने अधीक्षिका की गतिविधियों और उनके द्वारा किये जा रहे बर्ताव की ओर ऊँगली उठाई है.

छात्राओं ने आरोप लगाया कि अधीक्षिका सीमा डेविड का व्यवहार छात्राओं के साथ अच्छा नहीं है. वो लगातार बाहर से आने वाली छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं. कभी छुट्टी देने के नाम पर, तो कभी छात्राओं के चरित्र पर ऊंगली उटाकर उन्हें प्रताड़ित करती हैं. साथ ही शिकायत करने पर उन्हें प्रायोगिक परीक्षाओं में कम नम्बर देने की धमकी भी देती हैं.

हालांकि एक सप्ताह पहले ऐसे ही मामले की शिकायत लेकर एक छात्रा थाने पहुंची थी, जिसे महाविद्यालय प्रशासन ने समझा-बुझाकर शिकायत करने से रोक दिया था. लेकिन कल देर शाम एक और प्रताड़ित छात्रा छात्रावास में ही बेहोश हो गयी. जिसके बाद साथी छात्राओं ने उन्हें स्थानीय लोगों की मदद से सामुदायिक स्वस्थ केंद्र पेंड्रा में भर्ती कराया. वहीं मामले की जानाकारी लगने के बाद छात्राओं के परिजनों ने मामले की शिकायत थाने में की. पीड़ित छात्रा इस कदर सहमी हुई थी कि उसने कैमरे में कुछ भी कहने से मना कर दिया.

वहीं घटना के बाद से अब तक महाविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई भी सदस्य प्रताड़ित छात्रा की सुध लेने अस्पताल नहीं पहुंचा है. जब मीडिया ने इस बारे में महाविद्यालय प्रशासन से बात करना चाहा, तो उन्होंने इस घटना को छोटी-मोटी बातें कहकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

इस मामले में पेंड्रा थाना के जांच अधिकारी आर.एस.पाण्डेय ने बताया कि इस पूरे मामले में शिकायत ले ली है और जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.

गौरतलब है कि शासकीय महिला शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय छत्तीसगढ़ का एक मात्र शारीरिक महाविद्यालय है और पूरे छत्तीसगढ़ से शारीरिक प्रशिक्षण लेने वाले छात्र छात्राए यहां आते हैं. महाविद्यालय में वर्षों से जमे व्याख्याता स्थानीय होने का फायदा उठाते हुए छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक परीक्षाओं में कम नम्बर देने का भय दिखाकर बाहर शिकायत करने से रोक देते हैं, लेकिन इस बार छात्रा के अस्पताल में भर्ती होने और पुलिस में रिपोर्ट होने से मामला खुलकर सामने आ गया है.