आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर में नक्सलियों की कमर टूट रही है. यहां तक सालों से पैठ जमाए नक्सली संगठन अब अनाज- दवा के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन को तरस रहे हैं. सप्लाई चेन पर हुए पुलिस के प्रहार से अब नक्सली लीडर इन जरूरी चीजों के लिए तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्य पर निर्भर हो गए हैं. इस बात का खुलासा शुक्रवार शाम दंतेवाड़ा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद इनामी नक्सली दंपति ने किया है.
आत्मसमर्पण करने वाले पोज्जा उर्फ संजू माड़वी और लक्खे उर्फ तुलसी माड़वी पर पुलिस ने 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था. नक्सलियों के प्लाटून नंबर- 9 का कमांडर संजू माड़वी ने पुलिस को बताया कि पिछले कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन की सप्लाई चेन बेहद कमजोर पड़ गई है, और बड़े नक्सली लीडर्स आंध्र प्रदेश के सप्लाई चेन से संपर्क कर वहां से अनाज और दवाइयां मंगा रहे हैं.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बीते 2 वर्षों में नक्सलियों तक रसद और जरूरी सामान व दवाएं पहुंचाने वाले शहरी नेटवर्क को पुलिस ने ध्वस्त किया है, और कई लोगों की गिरफ्तारी भी की है जो नक्सलियों के लिए सप्लाई का काम करते थे. यही नहीं छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती इलाकों में चेक पोस्ट नाका बनाकर जवानों को 24 घंटे तैनात करने और बाहरी व्यक्तियों की जांच पड़ताल करने की वजह से नक्सलियों तक जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है. वहीं कोरोना महामारी के दौरान नक्सलियों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है.
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हालांकि, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना राज्यों के नक्सली संगठन द्वारा बस्तर में नक्सली संगठन को रसद और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने की जानकारी पुलिस को मिल रही है, जिसको पुलिस तोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. आईजी ने कहा कि आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों के नक्सली संगठन से पहुंच रहे सप्लाई चैन को भी पुलिस ध्वस्त करने में सफलता हासिल करेगी, और जल्द से जल्द बस्तर में नक्सलियों की पैर उखाड़ने में कामयाब होगी.
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नक्सल जानकार मनीष गुप्ता बताते हैं कि इतनी बड़ी सीमाई क्षेत्रों को सील करना संभव नहीं है. उनका कहना है कि पूरी तरीके से नक्सलियों का सप्लाई चैन वॉच नहीं हुआ है, लेकिन यह जरूर है कि नक्सली एक सीमित दायरे में सिमटकर रह गए हैं. पुलिस को चाहिए कि इन पर और कार्रवाई करते हुए इनकी सप्लाई चैन को पूरी तरीके से ध्वस्त करें ताकि नक्सलवाद का खात्मा हो सके.
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