रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते दिनों से डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल उग्र हो चुका है. आज भी इमरजेंसी सेवा बंद हैं. पहले OPD उसके बाद OT सेवा कर बंद चुके हैं. नीट PG काउंसलिंग की मांग को लेकर हड़ताल जारी है. हड़ताल को लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने प्रेसवार्ता की.
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इस दौरान जूडो अध्यक्ष इंद्रेश ने बताया कि 11 दिन की OPD और रूटीन सर्विसेज बंद करने के बाद बार-बार सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर के साथ मीटिंग के बाद भी NEET PG councelling जल्दी करवाने को लेकर गवर्नमेंट का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. अधिक काम और कम डॉक्टर्स से होने से 48-56घंटे लगातार ड्यूटी करने से मानसिक और फिजिकली परेशान हैं.
डॉक्टर्स के नेशनल एसोसिएशन FORDA ने 6 दिसंबर से पूरे भारत मे रेजिडेंट डॉक्टर्स का इमरजेंसी सर्विसेज से भी पीछे हटने का निर्णय लिया है. आज भी इमरजेंसी सेवाएं बंद हैं, जिसको फॉलो करते हुए छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी कल से इमरजेंसी सर्विसेज बंद कर दिया है.
वहीं डॉक्टर साधना ने बताया कि हम लोग भी इंसान हैं और लगातार दबाव प्रेशर के बीच काम करने के कारण मरीज़ों को सही तरीक़ा से इलाज नहीं दे पा रहे हैं. मरीज़ों का इलाज प्रभावित हो रहा है. अभी स्थिति ये आने लगी है कि हम लोगों को ही इलाज की ज़रूरत पड़ने लगी है.
बता दें कि जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के एक नए बैच के नहीं आने से सिर्फ 50% रेजिडेंट के साथ काम कर रहे हैं. उनकी सारी दिक्कतों से अवगत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और छत्तीसगढ़ मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने भी सपोर्ट में कहा है कि जूडो की मांग वाजिब है. गवर्नमेंट को तुरंत इस पर एक्शन लेना चाहिए. जूडो ने को ही इमरजेंसी बन्द करने के निर्णय से अधीक्षक और डीन को लेटर दे दिया था, जिससे मरीजों को इलाज से कम से कम प्रभावित हो और दूसरी कोई वैकलिपक व्यवस्था हॉस्पिटल कर ले.
वहीं मौक़े पर पहुंच क़र हड़ताल को समर्थन देते हुए डॉक्टर विकास अग्रवाल आईएमए रायपुर के अध्यक्ष ने कहा जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को हमारा समर्थन है. साथ ही उन्होंने हड़ताल को जायज़ बताते हुए कहा कि दबावों में लगातार काम कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर तत्काल राहत देने की ज़रूरत है. आखिरकार ये लोग भी इंसान ही हैं.
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