नई दिल्ली-  क्या आप जानते है कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में अब सिर्फ 6 गाँव ऐसे बचे हैं, जहाँ बिजली नहीं है, जबकि कुछ समय पहले ये संख्या 1500 से ज्यादा थी, लेकिन सुनकर हैरानी होगी कि जीरो पावर कट कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में 316 गांव ऐसे हैं, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंचायी जा सकी है। पीआईबी द्वारा जारी किए गए हालिया ट्विट में इस बात का खुलासा हुआ है। स्टेटस आफ विलेज इलेक्ट्रिफिकेशन के ताजा आंकड़ों में बताया गया है कि त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत गांव विद्युतीकृत हो चुके हैं। इन राज्यों में एक गांव भी ऐसा नहीं है, जहां बिजली ना पहुंची होगी। वहीं अरूणाचल प्रदेश में गांवों में बिजली पहुंचाने की दिशा में तेजी से काम किया गया रहा है, फिलहाल अरूणाचल प्रदेश में अब भी 1200 से ज्यादा गांव हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच सकी है।

 

 

 

पीआईबी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल द्वारा जारी की गई एक बुकलेट के हवाले से देश में 18 मई, 2017 तक की स्थिति में गांवों के विद्युतीकरण प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट दी है।  इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में शत-प्रतिशत विद्युतीकृत त्रिपुरा व हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश सहित कुल चार राज्य ऐसे हैं, जिनमें 10 से कम गांवों में बिजली पहुंचाए जाने का काम बचा हुआ है। राजस्थान में सिर्फ एक गांव में बिजली पहुंचाना बाकि है, जबकि नागालैंड में दो गाँव और पश्चिम बंगाल में  पांच गांवों में बिजली पहुँचाने का काम अभी बाकी है। इसके अलावा मिज़ोरम में 18, कर्नाटक में 25, मध्य प्रदेश में 52, उत्तराखंड में 53 और मणिपुर में 66 गांवों में बिजली पहुंचाया जाना बाकी है। देशभर में 8 राज्य ऐसे हैं,  जहां 100 से ज़्यादा गांवों में विद्युतीकरण का काम बकाया है। इनमें सबसे ज़्यादा गांव अरुणाचल प्रदेश के हैं, इसके बाद नंबर आता है, झारखंड का, जहां 560 गांवों में बिजली पहुंचाई जानी है।

इसके अलावा जम्मू -कश्मीर में 102, मेघालय में 224, छत्तीसगढ़ में 316, बिहार में 319, असम में 532 तथा ओडिशा में 534 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शेष है।  एक जमाने में संपूर्ण भारत में 18,452 गांवों में बिजली नहीं थी, अब बिना बिजली के गुज़ारा कर रहे गांवों की संख्या सिर्फ 4,039 रह गई है।  जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इनमें कुल मिलाकर 944 गांव ऐसे भी हैं, जहां आबादी ही नहीं है।