रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के मामले में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों के गर्भगृह में नारेबाजी और हंगामे के बाद आसंदी ने सभी विधायकों को निलंबित कर दिया। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला सदन में उठाते हुए बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि कितना केंद्रांश और राज्यांश की कितनी राशि मिली?
बीजेपी विधायक के सवाल का जवाब देते हुए पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021 में आवास के लिए कोई राशि नहीं मिली। इस वित्तीय वर्ष में केंद्र से आवास नहीं मिले, क्योंकि पिछला लक्ष्य पूरा नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा कि साल 2019-20 के आवास के लिए राज्यांश 762 करोड़ रुपए देने थे। हमने केंद्र से कहा था कि वक़्त दे। वीडियो काँफ्रेंसिंग में भी हमने वक़्त बढ़ाने का आग्रह किया था लेकिन केंद्र ने आबंटित आवास वापस ले लिए।
मंत्री सिंहदेव के जवाब के बाद अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार ने 2019-2020 और 2020-2021 के लिए राज्यांश दिया? जिस पर मंत्री सिंहदेव ने कहा की साल 2020-2021 के लिए 800 करोड़ रुपए स्वीकृत नहीं है।
राज्य के हक़ की राशि केंद्र उपलब्ध नहीं कराएगा तो हम क्या करेंगे? बार-बार मुख्यमंत्री ने भी केंद्र से ये पूछा लेकिन केंद्र ने राशि उपलब्ध नहीं कराई। केंद्र में लंबित 20 हज़ार करोड़ रुपए लंबित होगा तो योजनाएँ कैसे चलेंगी? रूटीन काम कैसे होंगे।
जिस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि 60/40 के रेशियो में चलने वाली हर योजनाओं को राज्य सरकार क्या केंद्र को लौटाएगी? इस राज्य ने आईएफबीएम एक्ट की सीमा पार कर चुकी है. 6 फ़ीसदी की सीमा पार कर ली है। मुख्यमंत्री ने ये स्वीकार किया है कि 51 हज़ार करोड़ क़र्ज़ ले लिया है. ग़रीबों के आवास के लिए सरकार को क़र्ज़ क्यूँ नहीं मिल रहा?
संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि इन सबकी वजह केंद्र सरकार है, छत्तीसगढ़ सरकार के साथ केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है।
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मामले में कहा कि राज्य सरकार ग़रीबों का आवास छिनने वाली सरकार है। जिसके बाद सदन में पक्ष विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि केंद्र ने आवास योजना को लेकर अनेक पत्र लिखे हैं। ग़रीबों का आवास छिनने का षडयंत्र किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने पूछा- दो लाख मकान जो अधूरे हैं, जिनके किस्त मिल चुके हैं, ये जर्जर हैं। क्या इन अधूरे मकानों के लिए राज्य सरकार राज्यांश देगी? ग़रीबों के लिये पीड़ा या तकलीफ़ सरकार को है या सिर्फ़ उन्हें कुचलने के लिए ये सरकार है।
मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि हमारे काम अधूरे हैं ये हम स्वीकार करके ही चल रहे हैं. राज्य में 2 लाख 74 मकान ही अधूरे हैं। मकानों के टूटने और गिरने की स्थिति नहीं है।
शिवरतन शर्मा ने पूछा- 2 लाख 74 मकान अपूर्ण होने की बात सरकार कर रही है लेकिन राज्यांश की वजह से कितने मकान प्रभावित हुए? बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य के रवैए से 12 हज़ार करोड़ का नुक़सान हुआ है।
बीजेपी सदस्यों ने सदन की कमेटी से जाँच की माँग की। इसके साथ ही सदन में बीजेपी विधायकों ने नारे लगाते हुए गर्भगृह में पहुंच गए और वहां जमकर नारेबाजी की।
गर्भगृह में नारेबाज़ी के बाद आसंदी ने सभी बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिये स्थगित।