हेमंत शर्मा, इंदौर। जिस तरह सीडीएस जनरल बिपिन रावत का मध्यपधेश के शहडोल से पुराना नाता रहा है उसी तरह शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इंदौर शहर से पुराना नाता रहा है। कैप्टन वरुण सिंह का ससुराल इंदौर था। यहां की बेटी गीतांजलि से उनकी शादी हुई थी। वे बारात लेकर वर्ष 2008 में आए थे। उनकी गीतांजलि के साथ लव मैरिज हुई थी। दोनों ही परिवार ने मिलकर इंदौर में रिसेप्शन भी दिया था। शौर्य चक्र मिलने की खुशी में 25 दिसंबर को ससुराल पक्ष की तरफ से पार्टी का आयोजन किया गया था। जिसके लिए उनकी इंदौर आने की टिकट भी बुक हो चुकी थी।
गीतांजलि और वरुण की पहली मुलाकात पुणे के कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी। एक दूसरे को पसंद करने के बाद परिवार वालों से बात कर 20 जनवरी 2008 को यहां के क्रॉउन पैलेस होटल में शादी का रिसेप्शन दिया था। डॉ कुसुम को कैप्टन वरुण सिंह बड़ी मम्मी कहते और अक्सर उनके पास वक्त बिताया करते थे। अपने साथ जीतने वाली हर बात को कैप्टन वरुण डॉ कुसुम से साझा करते थे।
डॉ कुसुम ने बताया कि एक बार प्रतिभा पाटिल उनके प्लेन में ट्रायल के दौरान मुंबई से उड़ान भरकर गई थी। वरुण सिंह ने डॉक्टर कुसुम को बताया कि उस प्लेन में बहुत तेज आवाज आती थी, और जब हम आसमान में हवाई जहाज उड़ाते हैं तो हमें सामने की ओर अक्सर अंधेरा दिखाई देता था। एक चूक भी बड़ी मुसीबत बन सकती थी उन्होंने प्रतिभा पाटिल की तारीफ की और कहा कि उन्होंने इस उम्र में इतनी आवाज वाले प्लेन में सफर किया। कैप्टन वरुण सिंह और उनकी पत्नी गीतांजलि के दो बच्चों की डिलीवरी भी इंदौर के कैलाश सिंह नर्सिंग होम में हुई थी।
कैप्टन वरुण ने अपने एक बेटे का नाम रिद्धिमान और बेटी का नाम आराध्या रखा। अक्सर वरुण का इंदौर आना जाना लगा रहता था। 25 दिसंबर को वरुण सिंह को मिले शौर्य चक्रके उपलक्ष्य में ससुराल वालों ने पार्टी का आयोजन रखा था। पार्टी में आने के लिए कैप्टन वरुण सिंह की फ्लाइट की टिकट भी बुक हो चुकी थी। इस बीच हादसे में वरुण सिंह शहीद हो गए, जो कि देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
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