नई दिल्ली. सगी बहन से दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी भाई को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज अश्विनी गौड़ ने दोषी करार दिया. इसके साथ ही दोषी को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 30 हजार का अर्थदंड भी लगाया. यह घटना ऋषिकेश थाना क्षेत्र की है.

शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह के मुताबिक इस मामले में महिला के पति ने अपने साले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. आरोप था कि उनकी पत्नी बेटे को ट्यूशन के लिए छोड़कर घर लौट रही थी. उसी दौरान उसका सगा भाई भी वहां से गुजर रहा था. वह बहुत देर से ताक में था. मौका देखते ही उसने अपनी बहन के साथ दुष्कर्म किया. जब पीड़िता ने शोर मचाया तो आरोपी ने जान से मारने की धमकी भी दी. पांच अक्तूबर 2020 को महिला का पति जब रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहा था तो उसके भाई ने पैर पकड़ लिए. उसने मकान मालिक के सामने इस बात को स्वीकारा और अपनी गलती भी मानी. इसके अगले दिन महिला के पति ने तहरीर दी तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई तो ट्रायल शुरू हो गया. तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था. लेकिन अब इस मामले में कोर्ट ने सगे भाई को सजा सुनाई है.

बेटी से दुष्कर्म में सौतेले पिता को बीस साल कैद

कोर्ट ने बेटी से दुष्कर्म के दोषी सौतेले पिता को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. चालीस हजार का जुर्माना भी लगाया. इसमें से तीस हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे. अर्थदंड न भुगतने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. रूड़की के झबरेड़ा थाने में आठ अगस्त 2018 को युवती ने बताया था कि सौतेले पिता ने डरा धमकाकर दुष्कर्म किया. यह पूरा मामला फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुल्तान के यहां चल रहा था. शासकीय अधिवक्ता विवेक कुश ने बताया कि कोर्ट ने रविंद्र पुत्र हुक्मी को बेटी से दुष्कर्म का दोषी पाया.

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