प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ में फर्जी परमिट के आधार पर बसों का संचालन किया जा रहा है? इससे छत्तीसगढ़ के आरटीओ के राजस्व को लाखों-करोड़ों रूपए का नुकसान हो रहा है और बावजूद इसके संबंधित थाना पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है ?
दरअसल कल अकलतरा में अग्रसेन गर्ल्स महाविद्याल की छात्राएं और शिक्षक पिकनिक जाने के लिए निकले. अकलतरा के आजाद चौक के पास उन्होंने एक कार को ठोकर मारी और वहां से भाग निकले. आगे उन्होंने पुनः एक कार को ठोकर मारी, जिसके बाद लोगों ने उन्हें रोका.
सूत्रों की माने तो बस में मौजूद एक शिक्षक बसंत कुमार रस्तोगी कार मालिक के साथ बहस करने लगे और कहने लगे कि उनके पास पिकनिक जाने का लिगल पर्मिट है और कार चालक उन्हें रोकने वाला कौन होता है.
इतने में बस के ड्राइवर ने परमिट दिखाई. लेकिन उक्त परमिट में इस रास्ते का जिक्र नहीं था जहां से ये बस गुजर रही थी. जिस कार चालक को ये ठोकर मारी गई थी उन्होंने पुनः बस चालक को बताया कि जो परमिट दिखाई जा रही है उसमें अकलतरा से गुजरने का जिक्र नहीं है.
इसके बाद उसमें मौजूद बार कोड से स्कैनिंग के बाद पता चला कि ऐसा कोई परमिट जारी ही नहीं हुआ, यानी जो परमिट दिखाया जा रहा था वह फर्जी था. इसके बाद उक्त शिक्षक रस्तोदी ने एक लिखित में पूरे मामले की माफी मांगी.
लेकिन लल्लूराम डॉट कॉम ने उन्हें जब फोन किया और पूछा कि उनके कॉलेज की किसी बस ने कार को ठोकर मारी थी ? जिसमें वो भी मौजूद थे ? तो सबसे पहला सवाल उनका ये था कि उनका नंबर हमें (लल्लूराम को) कहा से मिला. बसंत रस्तोगी लल्लूराम डॉट कॉम से झूठ बोलने लगे और उन्होंने अपने आप को बसंत कुमार रस्तोगी होने से ही मना कर दिया. फिर जब हमने दूसरा सवाल पूछा तो शिक्षक नाराज हो गए और कहने लगे जो छापना है छाप दो…यानी चोर की दाढ़ी में तिनका…
ये आरटीओ और पुलिस के लिए भी जांच का विषय है कि फर्जी परमिट के आधार पर कॉलेज बस पिकनिक के लिए कैसे निकली ?
अकलतरा पुलिस की जानकारी में पूरी बात आने के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? वहीं अब जब इसके प्रमाण मौजूद है तो अब कोरबा पुलिस इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई करेगी ये देखना होगा. इस परमिट के फर्जी होने की पुष्टि लल्लूराम डॉट कॉम नहीं करता है. ये आरटीओ और पुलिस के लिए जांच का विषय है कि ये सही है या नहीं.