सदफ हामिद,भोपाल। मध्य प्रदेश में एक तरफ ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है, तो दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. राजधानी भोपाल में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. हमीदिया अस्पताल के बाहर आज भी जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. जूडा ने ओपीडी ओटी के बाद इमरजेंसी सेवाएं देना भी बंद कर दिया है. जिस कारण मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.
दरअसल नीट पीजी काउंसलिंग में देरी होने से डॉक्टर्स की कमी हो रही है. जिससे काम का पूरा लोड जूनियर डॉक्टर्स पर पड़ रहा है. इसलिए पूरे देश में जूनियर डॉक्टर्स करीब 2 महीने से नीट पीजी की काउंसलिंग जल्द से जल्द कराने की मांग कर रहे हैं. प्रदेश में डॉक्टरों की कमी है. बीते कई महीने से जूडा दबाव में काम कर रहे हैं. प्रदेश सरकार से मांग है कि एमबीबीएस कर चुके छात्रों को मदद के लिए रखा जाए.
जूडा का कहना है अगर काउंसलिंग में देरी हो रही है, तो दूसरे राज्यों की तरह नॉन एकेडमिक जेआर पोस्ट की भर्ती की जाए. क्योंकि प्रदेश में 3000 डॉक्टर्स की पोस्ट है, लेकिन सिर्फ काम डेढ़ हजार डॉक्टर्स ही कर रहे हैं. क्योंकि थर्ड ईयर के डॉक्टर एग्जाम की तैयारी में हैं और 3 साल से कोई नया बैच नहीं आया है. दूसरी तरफ कोरोना की वजह से मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. जिससे मरीजों को भी जल्द इलाज नहीं मिल पा रहा.
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जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से आज पौधारोपण किया गया. उनका कहना है कि हमारी जो यह स्ट्राइक है. आज दूसरा दिन है. हमारे प्रतिनिधि मंडल की बातचीत लगातार स्वास्थ्य मंत्री और हेल्थ कमिश्नर भोपाल से चल रही है. यह एक छोटी सी पहल जूनियर डॉक्टर भोपाल की तरफ से की गई है.
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