रायपुर। जनसंख्या वृद्धि के लिहाज से अनुसूचित जनजाति वर्ग को पुरस्कृत और अनुसूचित जाति वर्ग को दंडित किया जाना था. लेकिन अनुसूचित जाति की जनसंख्या राज्य में वर्ष 2011 में 12.82 प्रतिशत होने के बाद भी 13 प्रतिशत आरक्षण की मांग को मुख्यमंत्री ने स्वीकार लिया. वहीं अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 30.62 प्रतिशत होने के बाद भी उनका आरक्षण पूर्ववत 23 प्रतिशत ही बना हुआ है. यह चिन्ता का विषय है. यह बात प्रो जेएल भारद्वाज ने अपनी पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ की जनांकिकीय’ के विमोचन के दौरान कही. 

नव वर्ष के अवसर पर पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएल वर्मा ने प्रो. जेएल भारद्वाज एवं डॉ. बीएल सोनेकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ की जनांकिकीय’ का विमोचन किया. इस अवसर पर कुलपति ने आर्थिक विकास के योजना एवं आर्थिक नीतियाँ बनाने में आर्थिक आंकड़ों के महत्व को चिन्हांकित किया.

कुलपति प्रो. केएल वर्मा ने कहा विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष रहे प्रो. भारद्वाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब वे किसी आर्थिक विषय पर अपने विचार रखते थे, तो वह तथ्य परक एवं आंकड़ों के द्वारा प्रमाणित होते थे. उनमें उनकी विद्वता एवं अनुभव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था. ‘छत्तीसगढ़ की जनांकिकीय’ में भी तथ्यों का विश्लेषण आंकड़ों के आधार पर किया गया है. यह सरकार की आर्थिक योजना एवं नीतियों के निर्माण में सहायक होगा.

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इस दौरान प्रो. भारद्वाज ने कहा कि 1 नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ एक पृथक् राज्य बना. अतः छत्तीसगढ़ की जनांकिकीय में वर्ष 2001 और 2011 की जनगणना के आंकड़ों का जिलेवार विश्लेषण किया गया है, और उनके परफार्मेंस के आधार पर 27 जिलों का रैंक दिया गया है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, छत्तीसगढ़ की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि 22.61 प्रतिशत रही है. किन्तु यह वृद्धि अनुसूचित जाति वर्ग में 35.37 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति में 18.23 प्रतिशत एवं सामान्य वर्ग में 22.61 प्रतिशत रही है, अतः जनसंख्या में तीव्रवृद्धि के लिए अनुसूचित जाति वर्ग उत्तरदायी रहा है, जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग ने जनसंख्या वृद्धि को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान किया.

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विमोचन के अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एके पोडेय, प्रो.आर ब्रम्हे, डॉ. बीएल सोनेकर, डॉ. सेटी, डॉ. सुनील कुमेटी व शासकीय संस्कृति महाविद्यालय रायपुर की प्राचार्य डॉ. राधा पाण्डेत रहीं. कुलपति ने विभाग के प्राध्यापकों के प्रति शुभकामना व्यक्त की करते हुए नये वर्ष में उत्साह और नयी ऊर्जा के साथ अर्थशास्त्र विभाग को गतिमान बनाने की कामना व्यक्त की.

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