इंदर कुमार,जबलपुर। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय की है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखा है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार सभी राज्य को पत्र लिखा गया है. सभी राज्यों को ओबीसी के रिजर्वेशन के लिए तीन टेस्ट की प्रक्रिया के लिए लेटर जारी किया गया है. इस मामले से जुड़ी सारी याचिकाओं पर अब 17 जनवरी को सुनवाई होगी.

कांग्रेस नेता सैय्यद जफर ने ट्वीट कर लिखा है कि पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी 2022 को सुनवाई की तारीख तय की है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि हम देश के सभी राज्यों से ओबीसी आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट अनिवार्य करने की बात कह रहे हैं.

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केंद्र सरकार के इस तर्क से यह साबित होता है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने ओबीसी आरक्षण देने के लिए संविधानिक कार्रवाई पूरी नहीं की, जिस वजह से मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण समाप्त हुआ. अभी भी वक्त है प्रदेश सरकार जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी औपचारिकताओं को पूरा करे. रोटेशन के आधार पर आरक्षण करें और ओबीसी वर्ग को 27 % आरक्षण दे. पंचायत चुनाव जल्द से जल्द कराना सुनिश्चित करें.

कांग्रेस नेता सैय्यद जफर के ट्वीट पर बीजेपी प्रवक्ता हितेष वाजपेई ने पलटवार किया है. उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगाया, कोई अदालत नहीं छोड़ी सभी अदालतों में गए. पंचायत चुनाव रुकवाने आरक्षण नहीं मिल सके. अब बीजेपी और शिवराज सभी जगह जाकर रिमूव कर रहे हैं, शिवराज जी मेहनत कर रहे हैं, जिससे आरक्षण मिल सके. उन्होंने कहा कि ट्विटरनाथ को ट्विटर से फुर्सत नहीं और दिल्ली में आराम करने से फुर्सत नहीं है.

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