लखनऊ. राज्य सरकार इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीनों को फ्री होल्ड करने की व्यवस्था बदलने जा रही है. शैक्षिक संस्थानों की जमीनें फ्री होल्ड नहीं की जाएंगी. लीज की शर्तों का पालन करने वालों को ये जमीनें पुन: लीज पर दी जाएंगी. साथ ही पट्टा समाप्त होने पर खाली होने वाली जमीनें वापस ली जाएंगी. फ्री होल्ड के लिए दरें 12 से 25 तक ली जाएंगी.
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने सोमवार को संशोधित नीति का प्रारूप जारी करते हुए इस पर 15 दिनों तक आपत्तियां व सुझाव मांगे हैं. इसे WWW.awasbandhu.in व http://awas.up.nic.in पर देखा जा सकता है. आपत्तियां ई-मेल [email protected] या फिर शास्त्री भवन एनेक्सी आवास विभाग में लिखित डाक से भेजी जा सकती हैं. प्रस्तावित प्रारूप में महायोजना में अंकित भू-उपयोग से अलग होने पर इसे बदलने की कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी.
वहीं उन्होंने बताया कि आवास विभाग ने 12 दिसंबर 2014 को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीनों को फ्री होल्ड करने के संबंध में शासनादेश जारी किया था. अब इसमें संशोधन के साथ प्रारूप जारी किया गया है. प्रस्तावित प्रारूप में महायोजना में अंकित भू-उपयोग से अलग होने पर इसे बदलने की कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी.
बता दें कि, राजधानी में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट जोआजादी से पहले लीज पर दी गई जमीनें की करीब 400 संपत्तियां हैं. इनमें से ज्यादातर की लीज खत्म हो चुकी है. इसके बावजूद बेशकीमती जमीनों पर लोग अवैध रूप से काबिज हैं. ऐसी जमीनों का एलडीए या तो अधिग्रहण करेगा या फ्री-होल्ड कर देगा. हालांकि अब तक कोई नीति न बनने से मामला अटका हुआ था. दरअसल जमीनों को फ्री होल्ड करने या अधिग्रहण करने में मूल्य के आंकलन का पेच फंसा है. उम्मीद है कि जल्द ही कोई नई व्यवस्था शुरू होगी.