कांकेर. जिले के आलदंड गांव में एक आदिवासी परिवार ने सोमवार को भालू के बच्चे को बचाया था. उसके बाद उसकी देखभाल करने के बाद वन विभाग के साथ मिलकर जंगल में छोड़ दिया है. ताकि भालू का बच्चा अपनी मां तक पहुंच जाए.

जानकारी के अनुसार आलदंड गांव के रहने वाले अजीत नरेटी जंगल में दोना-पत्तल बनाने के लिए सिहाड़ी पत्ता तोड़ने गए थे. तभी उनकी नजर भालू के बच्चे पर पड़ी थी. जिसके बाद उसे बचाकर अपने साथ घर ले आए थे. भालू के बच्चे की देखभाल कर वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई.

बता दें कि आज सुबह वन विभाग की टीम आलदंड गांव पहुंची और भालू के बच्चे को अपने कब्जे में लेकर ग्रामीणों के साथ उसे पास के जंगल में छोड़ दिया.

गांव वालों का मानना है कि अब इस भालू के बच्चे को उसकी मां वापस मिल जाएगी. जानकारों के मुताबिक भालू का ये बच्चा अभी बहुत छोटा है. भालू का बच्चे का जन्म हुए करीब 10 दिन के करीब ही हुआ है. अजीत नरेटी ने भालू के बच्चे को बचाकर मानवता का परिचय दिया है. इसके लिए अब उनकी तारीफ हो रही है.

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