भोपाल। मध्यप्रदेश की नई राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल सबसे हटकर राज्यपाल हैं. राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उस वक्त आश्चर्य में पड़ गए, जब आनन्दी बेन ने झाड़ू हाथ में थामकर खुद ही राजभवन में सफाई करनी शुरू कर दी. मध्यप्रदेश के राजभवन में ये नजारा पहली बार था. इसे जिसने भी देखा, वो हैरत में पड़ गया. साथ ही राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी भी आश्चर्यचकित रह गए.
गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनन्दी बेन पटेल मध्यप्रदेश की राज्यपाल बनने के बाद ‘मोहे कहां विश्राम’ की तर्ज पर सक्रिय हैं. वे पहले ही दिन से एक्शन में हैं. शपथ लेने जब वह भोपाल के लिए रवाना हुईं, तब भी उनका अंदाज जुदा रहा. प्लेन की बजाय वे गुजरात से चार्टर्ड बस से आईं और रास्ते मे जगह-जगह उनका जोरदार स्वागत भी हुआ.
उन्होंने उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए, भोपाल में शपथ ग्रहण के बाद बिड़ला मंदिर पहुंची, इसके बाद आंगनवाड़ी में जाकर बच्चों से भी मिलीं. आगले दिन शौर्य स्मारक गईं, तो गायत्री मंदिर की गौशाला में जाकर गायों को चारा भी खिलाया.
आनंदीबेन पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के घर जाकर उनकी कुशलक्षेम भी पूछी. आनंदीबेन ने राजभवन में साल 1904 में कर्मचारियों के लिए बने आई टाइप के 57 मकान भी तोड़कर उन्हें नई शक्ल देने को कहा है. इसके लिए उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अफसरों को राजभवन तलब कर लिया. जानकारों का मानना है कि नई ‘लाटसाब’ आनन्दी बेन की ये सक्रियता और काम करने का अलग अंदाज सत्ता में बैठे कुछ लोगों की आने वाले दिनों में बेचैनी बढ़ा सकता है.