रायपुर। भारतीय रेल ने 6800 स्टॉपेज बंद कर दिया है. रेल मंत्रालय की अदूरदर्शिता निर्णय से नागरिकों को परेशानी और रेलवे अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. इसे लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट के वकील संदीप श्रीवास्तव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बताया कि भारतीय रेल मंत्रालय की मनमानी और बिलासपुर मंडल की असमझता के कारण बिलासपुर मंडल सहित देश के 6800 रेलवे स्टेशनों में आने जाने वाली पैसेंजर, एक्सप्रेस एवं मेल सहित कई ट्रेनों के स्टॉपेज बंद कर दिए गए हैं.

कुछ जगह तो ऐसे रेलवे स्टेशन है, जहां की परिवहन के सबसे बड़े साधन के रूप में सिर्फ और सिर्फ रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाली और रुकने वाली ट्रेनें ही है. इन ट्रेनों के द्वारा गांव और छोटे कस्बों से शहरों को फल सब्जी दूध आदि की आपूर्ति भी होती है. कुछ छोटी स्टेशनों से मजदूर तबका भी बड़े शहरों में रोजाना अपने कार्य के लिए आना-जाना करता है. इन ट्रेनों के स्टॉपेज करोना काल के समय सुरक्षा के मद्देनजर और बीमारी के प्रसार पर लगाम लगाने पर स्वास्थ्य विभाग के कोविड-19 गाइडलाइन के निर्णय अनुसार किए गए थे.

रेलवे को पूरे भारत में परिवहन के लिए सबसे सस्ता और सुगम साधन माना जाता है, क्योंकि भारतीय रेल एक मोनोपली ट्रांसपोर्टर है और अपने कार्य में सामाजिक दायित्व से जनता को उपेक्षित नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे के छोटे स्टेशनों के बारे में जब बिलासपुर रेलवे मंडल के जीएम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ट्रेनों के रुकने का पैमाना बनाया गया है, जिन स्टेशनों में 400 टिकट से कम की बिक्री होगी. उन स्टेशनों में ट्रेनों का स्टॉपेज बंद कर दिया गए हैं. साथ ही मंडल अधिकारियों ने यह भी बताया कि स्टेशन मैं ट्रेन के एक स्टॉपेज के लिए लगभग ₹12000 खर्च होते हैं.

उन्होंने बताया कि बिलासपुर से होकर गुजरने वाली ऋषिकेश जगन्नाथ पुरी ट्रेन के 13 स्टॉपेजों को बंद कर दिया गया है, लेकिन ऋषिकेश से पूरी और पूरी से ऋषिकेश आने जाने वाली ट्रेन के समय में किसी भी किस्म की बचत नहीं देखी गई है. साथ ही उन्होंने कहा की करोना काल के समय स्पेशल ट्रेन चलाने के नाम से केवल और केवल जनता को लूटने का काम ही रेल मंत्रालय के द्वारा किया गया है.

संदीप ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि भारतीय संविधान में 19/1/D मैं देश के नागरिकों को यह मौलिक अधिकार दिया है कि वह अपने शासन के द्वारा चलित रेल पर और उसमें परिवहन करने का अधिकार है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा बिलासपुर मंडल का बिल्हा स्टेशन एक ऐसा स्टेशन है, जहां केवल यातायात का सबसे सुगम और पहुंच वाला यातायात का साधन रेल मात्र हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय रेल मंडल मैं केवल और केवल माल गाड़ी के द्वारा कोयला परिवहन को ही प्राथमिकता देने के लिए इस तरह की साजिश रची है. इस साजिश में बिलासपुर मंडल और जी.एम. पूरी तरह से शामिल हैं । उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि जनता से जुड़े हुए तकलीफ वाले मुद्दों में सांसद पिछले 2 सालों से आज तक क्यों चुप बैठे हैं.

वहीं उन्होंने राज्य सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और पुनः जल्द से जल्द उन स्टेशनों में रेलवे के स्टॉपेज शुरू करने में रेल मंत्रालय से बातचीत करें. देश में 63000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विस्तार है. बिलासपुर मंडल में यह दूरी केवल 2400 किलोमीटर मात्र की है. संदीप श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि केवल केंद्रीय मंत्रालय के निकटवर्ती जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ही उनके मालगाड़ी के सुचारू तरीके से चलाने हेतु ही यह सब साजिश के तहत कार्य किए गए हैं.

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