ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह के अस्त या राशि परिवर्तन का सीधा असर मानव जीवन पर पड़ता है. जब कोई ग्रह, सूर्य के नजदीक पहुंच जाता है तब उसे अस्त माना जाता है. कहते हैं कि सूर्य के नजदीक जाने पर उस ग्रह का प्रभाव नष्ट हो जाता है.

शनि देव को कर्म और आयु का प्रदाता माना जाता है. शनि 22 जनवरी को अस्त होंगे और 24 फरवरी को उदय होंगे. शनि 33 दिनों के लिए अस्त रहेंगे.

 शनि देव के अस्त और उदय का समय:

  • शनि अस्त होने का दिन और समय:  22 जनवरी, शनिवार को सुबह 9 बजकर 44 मिनट पर
  • शनि उदय होने का दिन और समय: 24 फरवरी, गुरुवार प्रात: काल 4 बजकर 38 मिनट पर

    बढ़ सकता है महामारी का प्रकोप:

खगोल विज्ञान के अनुसार शनि एक ऐसा ग्रह है जिसके चारो ओर वलय (छल्ला) हैं. यह सूर्य से छठा तथा सौरमंडल में बृहस्पति के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है. साथ ही ज्योतिष में शनि को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है. शनि 22 जनवरी को अस्त होंगे, जिसके बाद कोरोना का विकट रूप देखने को मिल सकता है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को वैभव, भौतिक सुख, संपन्नता, भोग के कारक माने जाते हैं. वक्री अवस्था में चल रहे शुक्र 6 जनवरी को धनु राशि में अस्‍त हो चुके हैं और 12 तारीख को उदित होंगे. इस दौरान शेयर बाजार में भी हलचल रह सकती है. इसलिए निवेशक निवेश सावधानी से करें.

  1. मेष- शनि का अस्त होना आपके लिए शुभ नहीं माना जा रहा है. मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल देव हैं. शनि और मंगल के बीच शत्रुता का भाव माना जाता है. इस दौरान आपको कार्यस्थल पर सावधान रहना होगा, अन्यथा आपकी छवि खराब हो सकती है. बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं. मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं.
  2. कर्क- कर्क राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सेहत को लेकर सावधान रहना होगा. कार्यस्थल पर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. कर्क राशि पर चंद्रमा का आधिपत्य है. वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा और शनि ग्रह के बीच शत्रुता का भाव माना जाता है. ऐसे में नौकरी पेशा करने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
  3. मिथुन- शनिदेव का अस्त होना आपके लिए अच्छे परिणाम लेकर नहीं आएगा. मिथुन राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है. इसलिए 33 दिनों तक आपको सावधान रहना होगा. वाहन आदि के प्रयोग में सावधानी बरतने की जरूरत है. सेहत का विशेष ध्यान रखें. खान-पान में सावधानी बरतें.
  4. कन्या- कन्या राशि वालों को शनि अस्त के दौरान मेहनत का फल नहीं मिलेगा. कामकाज में बाधाएं आ सकती हैं. कार्यस्थल पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. सेहत बिगड़ सकती है, इसलिए खानपान में विशेष सावधानी बरतें.
  5. तुला- शनि अस्त का तुला राशि वालों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कार्यस्थल पर छवि बिगड़ने की संभावना है. इस दौरान आपको काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है. कई क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है.