कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इन्फोर्समेंट डायरेक्टर (ईडी) ने जबलपुर एसपी को नोटिस भेजकर मोखा के केस से सबंधित जानकारी मांगी है. पेपर की कटिंग और लाइव रिपोर्टिंग की भी जानकारी मांगी गई है. इंदौर ED के डिप्टी डायरेक्टर ने यह नोटिस जारी किया है.

दरअसल सरबजीत सिंह मोखा, कर्मचारी देवेश चौरसिया, भगवर्ती फार्मा के संचालक सपन जैन के संबंध में दर्ज एफआईआर सहित अन्य जानकारी मांगी है. इसमें एफआईआर, कोर्ट में दायर चार्जशीट, अखबारों में प्रकाशित खबर के कतरनें मांगी है. सरबजीत मोखा को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी.

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बता दें कि नकली रेमडेसिविर मामले कुल 13 आरोपी बनाए गए हैं. मामले में गुजरात से भी आरोपी बनाए गए थे. सरबजीत सिंह मोखा, जसमीत सिंह मोखा, हरकरन मोखा, सोनिया राणा खत्री, सुनील मिश्रा,सपन जैन, पुनीत शाह, कौशल बोरा, देवेश चौरसिया, राकेश शर्मा, सुधीर मिश्रा को आरोपी बनाया गया था.

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गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम आया था. मोखा ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाकर और कोरोना संक्रमित मरीजों को महंगे दामों पर अपने अस्पताल सिटी अस्पताल में कोरोना मरीजों को लगाए थे. इसके बाद उनके खिलाफ जबलपुर पुलिस ने धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी, 467, 468, 201, 304 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था. प्रकरण दर्ज होने के बाद सरबजीत सिंह मोखा काफी समय तक फरार था. आखिरकार 21 मई 2021 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा को हाईकोर्ट से मिली जमानत, अपने सिटी अस्पताल में खपाए गए थे सभी इंजेक्शन

जबलपुर से गिरफ्तार दवा व्यवसायी ने सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था. उसके बाद इसने कहा था कि मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है. पुलिस जांच में मोखा के खिलाफ सबूत मिले थे. इसके बाद सरबजीत सिंह मोखा पर पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था. पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि 500 इंजेक्शन जबलपुर में खपाए गए हैं. आरोपियों ने ही सिटी अस्पताल के नाम लिए थे.

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