कुमार इंदर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन(Remdesivir Injection) मामले(fake remdesivir injection case)  में सिटी अस्पताल के मालिक सरबजीत सिंह मोखा को जमानत मिल गई है। जमानत याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई है। सुनवाई के बाद जबलपुर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले आरोपी सरबजीत सिंह मोखा को जमानत दे दी है। मोखा पिछले 6 महीने से जबलपुए जेल में बंद है। मामले में मोखा की पत्नी और अस्पताल की मैनेजर को पहले ही बेल मिल चुकी है। पहले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से NSA कट चुका है। मोखा को कोर्ट में पासपोर्ट जमा करना होगा। बिना अनुमति देश से बाहर नहीं जा सकेंगे।

बता दें कि मामले कुल 13 आरोपी बनाए गए हैं। मामले में गुजरात से भी आरोपी बनाए गए थे। सरबजीत सिंह मोखा, जसमीत सिंह मोखा, हरकरन मोखा, सोनिया राणा खत्री, सुनील मिश्रा,सपन जैन, पुनीत शाह, कौशल बोरा, देवेश चौरसिया, राकेश शर्मा, सुधीर मिश्रा को आरोपी बनाया गया था।

दरअसल गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर के सिटी अस्पताल के,संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम आया था। मोखा ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाकर और कोरोना संक्रमित मरीजों को महंगे दामों पर अपने अस्पताल सिटी अस्पताल में कोरोना मरीजों को लगाए थे। इसके बाद उनके खिलाफ जबलपुर पुलिस ने धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी, 467, 468, 201, 304 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद सरबजीत सिंह मोखा काफी समय तक फरार था। आखिरकार 21 मई 2021 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से ही वे जेल में है।

जबलपुर से गिरफ्तार दवा व्यवसायी ने सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था। उसके बाद इसने कहा था कि मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस जांच में मोखा के खिलाफ सबूत मिले थे। इसके बाद सरबजीत सिंह मोखा पर पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि 500 इंजेक्शन जबलपुर में खपाए गए हैं। आरोपियों ने ही सिटी अस्पताल के नाम लिए थे।

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