निशा मसीह, रायगढ़। रायगढ़ जिला न्यायालय ने नाबालिग से अपहरण और अनाचार के मामले में बड़ी सज़ा सुनाई है. नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसे बंधक बनाकर रखने और उसके शारीरिक शोषण के मामले में आरोपी युवक को 10 साल और सहयोगी मां को 3 साल की सज़ा कोर्ट ने सुनाई है.

फास्ट ट्रैक कोर्ट रायगढ़ में जस्टिस सरोजनंद दास ने सज़ा सुनाई. बता दें कि आरोपियों ने चक्रधरनगर में अपने पड़ोस में रहने वाली 15 साल की नाबालिग लड़की को अपने घर पर लाकर रखा था. जहां आरोपी रामभरोसे और उसकी मां लड़की को एक कमरे में बंधक बनाकर रखते थे. दोनों लड़की को बहुत प्रताड़ित करते थे.

पीड़िता ने बताया कि आरोपी रामभरोस उसके साथ रोज बलात्कार करता था, जिससे वो गर्भवती भी हो गई थी. उसे खाना-पानी भी नहीं दिया जाता था. मोहल्लेवालों को उसकी हालत पता थी. पीड़िता ने बताया कि भूख-प्यास से उसे टीबी की बीमारी भी हो गई. किसी तरह से लड़की की एक दोस्त ने उसकी हालत की सूचना पुलिस, चाइल्ड लाइन और अन्य लोगों को दी.

खबर मिलने के बाद चाइल्डलाइन और चक्रधरनगर थाना पुलिस ने लड़की को आरोपियों के घर से मुक्त कराया और इलाज के लिए KGH रायगढ़ में भर्ती कराया. पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

चक्रधरनगर थाने की उपनिरीक्षक सुशन्ना तिर्की ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय पेश किया. कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की सजा से दंडित किया है. वहीं आरोपी की मां को 3 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को हुई शारीरिक, मानसिक क्षति के मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपए की राशि प्रदान किए जाने का आदेश छत्तीसगढ़ सरकार को दिया है.