रायपुर. कोरोना वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. लोगों में दहशत का माहौल है. देश में लगातार हर रोज कोरोना के रिकार्ड मामले दर्ज हो रहे हैं. दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने कहर बरपाया था, जिससे कई लोगों की मौत हुई थी. वहीं अब कोरोना का नया वेरिएंट अब तेजी से पांव पसार रहा है. ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि कैसे पता लगाया जाए कि कोई शख्स ओमीक्रॉन से संक्रमित हैं या डेल्टा वेरिएंट से.
कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से कम खतरनाक है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि ओमीक्रॉन काफी ज्यादा संक्रामक भी है. हालांकि कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप भी पता लगा सकते हैं कि कोई शख्स ओमीक्रॉन से संक्रमित हैं या डेल्टा से.
एक फ्रेंच स्टडी के मुताबिक कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले 105 फीसदी ज्यादा संक्रामक है.
बेंगलुरु के जेपी नगर के एस्टेर आरवी अस्पताल के डॉ. एसएन अरविंदा के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों में सूंघने की क्षमता में कमी देखने को मिली थी. हालांकि ओमीक्रॉन वेरिएंट में ऐसा न के बराबर है. उन्होंने कहा कि डेल्टा से संक्रमित शख्स के लक्षण गंभीर हो सकते हैं. वहीं ओमीक्रॉन के लक्षण हल्के हैं. साथ ही ओमीक्रॉन फेफड़ों को भी कम प्रभावित कर रहा है. जिसके कारण ऑक्सीजन की जरूरत की भी ज्यादा दरकार नहीं है.
वहीं ओमीक्रॉन में लोगों को सांस फूलने की भी कम समस्या देखने को मिल रही है. वर्तमान में RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल कर यह पता लगाया जाता है कि कोई शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. वहीं ओमीक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट का पता लगाने के लिए जेनेटिक सिक्वेंसिंग की जरूरत होती है, जिसमें 4 से 5 दिन का समय लग सकता है.
इसे भी पढे़ं : सुरक्षाकर्मी की काटी जा रही छुट्टियां, विरोध में परिवार के साथ बैठा धरने पर, जानिए क्या है मामला
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक