संजय विश्वकर्मा, उमरिया। कड़ाके की सर्दी में ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों के पसीने छूट रहे हैं। गांव में बाघ की लगातार चहलकदमी से ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ गई है, वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है।
विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन के गांवों में बसे हुए ग्रामीण शाम होते ही बाघों की दहाड़ के बीच अपना रोजमर्रा का काम समय से पहले निपटा कर घरों में दुबक जाते हैं। यहां ऐसी कोई रात नहीं होती जबगांव में टाइगर का मूवमेंट न हो। गांव के निवासी रामलाल बताते हैं कि रात होते ही बाघ की मूवमेंट गांव के अंदर होने लगती है। भय और दहशत के बीच हमारी रातें कटती हैं।
वही फील्ड डायरेक्टर बीएस अन्नीगेरी ने कहा कि बांधवगढ के बफर में बसे आधा दर्जन गांवों में टाइगर की मूवमेंट बनी हुई है। टाइगर रिजर्व का अमला हाथियों के साथ ऐसी सभी सेंसिटिव लोकेशन में सघन गस्त की जा रही है, साथ ही ग्रामवासियों को रात में न निकलने की समझाइश भी विभाग के द्वारा दी जाती है।
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