बिंदेश पात्र. नारायणपुर. एक सप्ताह के बाद बस्तर IG पी सुंदरराज ने कहा मानू शिकार करने गया था जंगल,क्रॉस फायरिंग में उसकी मौत हुई.
नारायणपुर जिले में गणतंत्र दिवस के दो दिन पूर्व पुलिस ने भरण्डा के जंगल में मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था, जिसके बाद कथित मुठभेड़ को लेकर सवाल उठने लगे है. पीड़ित परिवार के द्वारा पुलिस के दावे को सिरे से खारिज करने के बाद कथित मुठभेड़ को लेकर भाजपा सामने आ गई है. सोमवार को भाजपा की टीम पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ ग्रामीणों से बयान लेकर लौटी है. इसी दौरान बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने एसपी कार्यालय में मीडिया को बताया कि घटना दिनांक को मृतक अपने साथियों के साथ शिकार करने जंगल गया हुआ था शिकार करते हुए वे पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग रेंज में आ गए. इस दौरान मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग में युवक की मौत होने की संभावना जताई जा रही है. आईजी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच में जो तथ्य सामने आ रहे है उसके हिसाब से मृतक मानू राम नुरेटी के परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी.
मालूम हो कि मुठभेड़ के बाद पुलिस अधिकारियों ने मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था. वहीं मारे गए कथित नक्सली के परिजनों ने उसके नक्सली संगठन से जुड़े होने से इंकार करते हुए उसे किसान बताया है. एक सप्ताह बाद पुलिस अपने दावे में यू टर्न लेते हुए नजर आ रही है. इधर भाजपा पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव लड़ाई लड़ने की बात कह रही है.
मानूराम के परिजनों ने पुलिस के इस दावे का शुरू से खंडन किया है कि वह नक्सली था. मानूराम के बड़े भाई व पुलिस में जवान रैनु राम नुरेटी ने कहा कि उनका भाई नक्सली नहीं था बल्कि उनका परिवार खुद नक्सली हिंसा का शिकार है.
नारायणपुर पुलिस के डीआरजी इकाई में आरक्षक के पद पर तैनात रैनु राम ने बताया कि उनके भाई मानूराम ने पुलिस के बस्तर फाइटर के लिए हो रही भर्ती में आरक्षक पद के लिए आवेदन किया था तथा उसकी तैयारी कर रहा था.
वहीं मानूराम की पत्नी मानबती नुरेटी का कहना है कि उसका पति एक किसान था और उसके पास कभी हथियार नहीं था. मानबती ने बताया कि रविवार की रात खाना खाने के बाद मानूराम टहलने के निकला था. उसके हाथ में गुलेल (पक्षियों का शिकार करने के लिए लकड़ी और रबर से बना हथियार) था. मानबती और अन्य ग्रामीणों ने न्याय की मांग को लेकर नारायणपुर जिले के कलेक्टर को पत्र दिया है.
भाजपा की जांच समिति ने लिया बयान
परिजनों द्वारा दावा किये जाने के बाद भाजपा मदद के लिए सामने आ रही है. मानूराम नुरेटी की मौत का विवाद अब प्रदेश स्तर पर तूल पकड़ता जा रहा है . पूरे मामले को विपक्ष ने आड़े हाथों लेते हुए सरकार पर निशाना साधा है , वहीं इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री केदार कश्यप भी आक्रामक दिख रहे हैं. अब भाजपा ने मुठभेड़ की जांच के लिए जांच समिति बनाई है. पूर्व मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में बनी छह सदस्यीय समिति में भाजपा के कई आदिवासी नेता शामिल हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस समिति में भाजपा के प्रदेश महामंत्री किरणदेव, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम, पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम, भाजपा नारायणपुर के जिलाध्यक्ष बृजमोहन देवांगन और पूर्व जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम को भी शामिल किया है. समिति के अध्यक्ष केदार कश्यप ने कहा है अपनी रिपोर्ट भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगे. इसके बाद भाजपा मामले को राज्यपाल के पास ले जाकर कार्रवाई की मांग करेगी. केदार ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार संवेदनहीन हो गई है. दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.