रायपुर. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन को लेकर भले ही स्पष्ट नियम नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. इसमें आई ताजा गिरावट के बावजूद इसको लेकर पेशेवरों में कोई नाउम्मीदी नहीं दिखाई दे रही है, बल्कि इसके बेहतर भविष्य को लेकर सभी आशान्वित हैं.
यूं तो क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए संसद के विगत शीतकालीन सत्र के दौरान एक विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन पर्याप्त तैयारियों की कमी और कुछ दबाव के चलते तब इसे पेश नहीं किया गया.
लेकिन बजट 2022 के दौरान ये स्पष्ट हो गया कि क्रिप्टोकरेंसी की आय पर अब टैक्स पे करना होगा. अब एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बजट में किए जाने वाले एलान के तहत क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि केंद्र सरकार क्रिप्टो एसेट्स पर इनकम टैक्स स्लैब को 35 प्रतिशत से लेकर 42 प्रतिशत के बीच रख सकती है.
लेकिन बजट में वित्त मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी की आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स अदा करना होगा.
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