कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। ग्लावियर महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष डॉ. रुचि गुप्ता ने प्रियंका गांधी को पीड़ा से भरा पत्र लिखकर पद के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. प्रिंयका गांधी से कई सवाल किए हैं ? आपने एक नरा दिया था #लड़की हूँ लड़ सकती हूँ, पर यह नहीं बताया कि लड़ना किससे है, क्या अपनो से ? कॉंग्रेस पार्टी में जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों की इज्जत नहीं है. ग्वालियर के साथ कई जिलों में कॉंग्रेस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं हो रहा है. रुचि गुप्ता ने पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए हैं. मध्यप्रदेश में पार्टी प्रोटोकॉल वरिष्ठ नेतृत्व भूल चुका है. बाहरी लोगों से लड़ा जा सकता है, लेकिन अपनो से ही कैसे लड़े ? अब मुझमे आगे लड़ने की क्षमता नहीं है.

प्रियंका गांधी को लिखे पत्र में रुचि गुप्ता ने कहा है कि आपने एक नारा दिया था #लड़कीहूंलड़सकतीहूं पर यह नहीं बताया कि लड़ना किससे है, क्या अपनों से ? मैंने सच्चे मन से और सच्चे हृदय से कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित होकर पिछले 8 वर्ष तक कार्य किया. दिवंगत मांडवी चौहान दीदी ने मेरे कार्यों एवं संघर्षों को देखकर मुझे 1 वर्ष पहले महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी. यह तो ईश्वर जानता है कि मैंने पूरी लगन निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ इस पद की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. यह अलग बात है कि कुछ समय बाद ही मांडवी चौहान दीदी पार्टी के प्रति जिम्मेदारियां निभाते हुए इस दुनिया को अलविदा कह गई.

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उसी दिन मैंने मान लिया था की राजनीतिक परिवेश में मेरे सिर से छत और जमीन दोनों चले गए, लेकिन कुछ अपनों के भरोसे और विश्वास के चलते मैं राजनीतिक सफर में संघर्ष करती रही. उसका गवाह मेरा फेसबुक प्रोफाइल है, लेकिन दुख इस बात का है कि कांग्रेस पार्टी में जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों की इज्जत नहीं होती और अचानक कुछ नेताओं की सोर्स सिफारिश लग कर ऊपर से थोपे गए लोग अपनी हुकूमत के दम पर हावी होने की कोशिश करने लगते हैं. उससे भी अधिक दुखद यह है कि संगठन भी जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे लोगों की बात ना सुनकर ऐसे लोगों की बातें सुनते हैं, जिन्हें संगठन की परिभाषा शायद नहीं आती.

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रुचि गुप्ता ने आगे लिखा है कि यह दुख सिर्फ मेरा नहीं है कई जिलों में और भी महिलाओं का है. मुझे यह भी पता है कि मेरा समर्पण आज नहीं तो कल कांग्रेस पार्टी आगे याद रखेगी, क्योंकि पिछले 5 वर्षों में मैंने अपने व्यापार और परिवार पर ध्यान ना देते हुए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए दिन रात कार्य किया है. बचपन से सुना था कि हमारे देश में विभिन्नता में एकता है, लेकिन कुछ समय से मैंने पार्टी मैं एकता में विभिन्नता महसूस की मैंने अपनी पार्टी का साथ तब नहीं छोड़ा जब मध्यप्रदेश में बनी बनाई कांग्रेस सरकार को गिराया गया था. अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं ने भाजपा को ज्वाइन किया. उस समय कुछ चंद महिलाओं के साथ मैंने कांग्रेस पार्टी के महिला संगठन को पुनर्जीवित किया.

रुचि गुप्ता ने आगे लिखा है कि कई महिलाओं को पार्टी की विचारधारा से जोड़कर मजबूती दी. इसका गवाह मेरा शहर ग्वालियर स्वयं है, लेकिन हर पार्टी का अपना एक प्रोटोकोल होता है. लगता है मध्यप्रदेश में पार्टी प्रोटोकॉल कुछ वरिष्ठ नेतृत्व भूल चुका है, मेरा अभी तक का सफर जैसा भी रहा बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ समझा. आदरणीय प्रियंका दी हम बाहरी लोगों से लड़ सकते हैं, पर भीतरी और अपने लोगों से नहीं. मैं कल भी कांग्रेस की एक समर्पित कार्यकर्ता थी. विचारधारा के प्रति सदैव समर्पित रहूंगी शायद मेरा सफर राजनीतिक इतना ही था मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके लिए आपके परिवार के लिए एवं पार्टी के लिए रहेंगी, इससे आगे लड़ने की क्षमता अब मुझ में नहीं. इन्हीं शुभकामनाओं के साथ मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा स्वीकार करें.

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