पटना, बिहार। चारा घोटाले के मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा काट रहे राजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया है. इसमें लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के कद को बढ़ाया गया है. कल 83 सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई सूची जारी की गई.

लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष बने रहेंगे, वहीं पत्नी राबड़ी का कद भी बढ़ गया है. वे अब पार्टी की उपाध्यक्ष होंगी. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पहली बार आरजेडी की उपाध्यक्ष बनी हैं और संगठन में उनकी भूमिका अब बेहद महत्वपूर्ण हो गई है.

वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी को भी पार्टी के उपाध्यक्ष के तौर पर बरकरार रखा गया है. लेकिन आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली शहाबुद्दीन की भूमिका को बिल्कुल खत्म कर दिया गया है और उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

दरअसल शहाबुद्दीन पर कई आपराधिक मामले तो चल ही रहे हैं, वहीं उन पर हमेशा ही अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगता रहा है. नई कार्यकारिणी में उनकी पत्नी हिना शहाब को जरूर सदस्य बनाया गया है. इसके कई मायने हैं. लालू यादव ने शहाबुद्दीन की पत्नी को कार्यकारिणी का सदस्य बनाकर एक तरह से शहाबुद्दीन को सपोर्ट भी किया है. साथ ही अपराधियों को संरक्षण देने के आरोपों से घिरे शहाबुद्दीन को लेकर अब वे विरोधियों से ये कह सकते हैं कि उनकी पार्टी ऐसे किसी भी शख्स को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश की है.

वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में लालू के दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव समेत बड़ी बेटी मीसा भारती की भी एंट्री हो गई है.

जेडीयू ने कसा तंज

जदयू ने आरजेडी पर हमला बोला है और कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी राजनीतिक दल के सजायाफ्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जेल से ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया है.