शब्बीर अहमद, भोपाल। एमपी कांग्रेस के अंदर गुटबाजी और नेताओं में मनमुटाव जगजाहिर है. सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने दावा किया गया था कि अब पार्टी के अंदर सब कुछ ऑल इज वेल है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है पिछले एक हफ्ते में दो दर्जन से अधिक नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है.
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सिंधिया के बीजेपी जाने के बाद ग्वालियर-चंबल इलाके में कमजोर पड़ी कांग्रेस को फिर झटका लगा है. पार्टी को मजबूत करने के बजाए नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. चार दिन पहले ग्वालियर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रुचि गुप्ता ने जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं मिलने और सिफारिश वाले नेताओं को महत्व देने का आरोप लगाकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. रुचि गुप्ता के समर्थन में करीब एक दर्जना कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया था. अब ग्वालियर ग्रामीण से मंत्री भारत सिंह कुशवाह को कड़ी टक्कर देने वाले साहब सिंह ने भी जमीनी कार्यकर्ताओं को हक नहीं मिलने का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया है. इंदौर में भी यूथ कांग्रेस के अंदर विवाद चल रहा है.
वहीं कांग्रेस की गुटबाजी पर बीजेपी को एक बार फिर बोलने का मौका मिल गया. बीजेपी प्रवक्ता और विधायक यशपाल सिसौदिया ने कांग्रेस हमला बोलते हुए कहा कि फूट और टूट कांग्रेस के रग-रग में बस चुका है. वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. हालांकि बयानबाजी और एक-दूसरे पर निशाना साधना तो नेताओं का काम है, लेकिन पिछले चार दिन के अंदर जितने भी नेताओं ने पार्टी छोड़ी है उन्होंने जमीनी नेताओं को महत्व नहीं मिलने और पैराशूट नेताओं से परेशान होकर इस्तीफे देने की बात कही है. इससे कह सकते हैं किएमपी कांग्रेस के अंदर ऑल इज वैल की स्थिति नहीं हैं.
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