राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में अब हिंदी माध्यम को लेकर विवाद शुरू हो गया है. सरकार के  MBBS और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराने के निर्णय पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार प्रदेश में शिक्षा को बर्बाद कर रही हैं. हिंदी में पढ़ाई करने से डॉक्टर झोलाछाप बनेंगे और इंजीनियर गांव में कुएं बनाएंगे. 

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पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बीजेपी सरकार शिक्षा को बर्बाद करने में तुली है. उन्होंने कहा कि हिंदी में पढ़ाई करने के बाद गांव के अंदर झोलाछाप MBBS डॉक्टर बनेंगे. इंजीनियर गांव के कुओं पर काम करने वाले बनेंगे. सरकार युवाओं का जीवन बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

बीजेपी का पलटवार 

वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ये कांग्रेस की असली मानसिकता है. कांग्रेस की स्थापना ही अंग्रेजों ने की थी. कांग्रेस आज भी अग्रेजों के साथ है.

दरअसल, एमपी में अब MBBS और इंजीनियरिंग की पढाई हिंदी में होगी. एमएनसी के पाठ्यक्रम के आधार पर MBBS की पढ़ाई होगी. इसे लेकर उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कुछ दिन पहले कहा था कि मातृभाषा में पढ़ाई होती है तो उसके परिणाम अच्छे निकलते हैं. इसलिए हमने यह फैसला लिया है कि हम एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराएं. बच्चे हिंदी, इंग्लिश दोनों में पढ़ाई कर सकते हैं.

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बात दें कि इससे पहले 2016 में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय(Atal Bihari Vajpayee Hindi University) ने हिंदी में इंजीनियरिंग और चिकित्सा शिक्षा शुरू करने की घोषणा की थी. विश्वविद्यालय ने तीन धाराओं में इंजीनियरिंग की शुरुआत भी की, लेकिन पहले वर्ष में केवल तीन छात्रों ने प्रवेश लिया. बाद में, विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम बंद कर दिया। छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में इंजीनियरिंग जारी रखने के लिए निजी कॉलेजों में स्थानांतरित कर दिया था.

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