कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने MPPSC 2020 की परीक्षा से जुड़े एक मामले में आज अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा (preliminary examination) में 2 अंकों से फेल 4 छात्रों को मेन एग्जाम (Main Exam) में बैठाने के आदेश दिए हैं. चारों छात्रों को प्रश्न का सही उत्तर लिखने पर भी प्रारम्भिक परीक्षा में 2 नंबर से फेल कर दिया गया था. जिसके बाद परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था
दरअसल, शुभांगी गणग्राड़े, नेहा पटीदार, पृथवी वैष्णव और सुमित शर्मा को सही उत्तर लिखने के बाद भी प्रारम्भिक परीक्षा (preliminary examination) में 2 नंबर से फेल कर दिया गया था, जिसके बाद फेल होने वाले परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली. जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने चारों छात्रों को प्रारंभिक परीक्षा में पास मानकर मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश लोक सेवा आयोग (public service Commission) को दिए हैं.
ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर का आरोप
इधर, हाईकोर्ट ने MPPSC परीक्षा में 27 प्रतिशत OBC आरक्षण पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और MPPSC को नोटिस जारी करते हुए सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्देश दिए. वहीं ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है. ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर का कहना है कि शासन की तरफ से सार्थक पैरवी नहीं की गई. महाधिवक्ता ऑफिस की तरफ से भी कोशिश नहीं हुई. साथ ही सुनवाई में भी एडवोकेट जनरल खड़े नहीं हुए. इन्ही कारणों से ओबीसी का आरक्षण रुका.
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