सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में NEET UG-PG काउंसलिंग कमेटी को इन दिनों कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. दशकों से जारी गड़बड़ी की एक-एक कर परत दर उजागर हो रही है. ताज़ा मामला NEET UG का है, जिसमें सीट आवंटन में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है.
छात्र राजकुमार, दुर्गेश आनंद ने कहा कि NEET के योग्य विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, सीट आवंटन में की गई धाँधली पर ज्ञापन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है, सीट आवंटन के एक सप्ताह बाद सीट मेट्रिक्स जारी किया गया, जबकि पहले सीट मैट्रिक्स को जारी किया जाता है.
शुभम ने बताया कि NEET UG में स्टेट कोटा के सीट खेल किया गया है उदाहरण के तौर पर सिर्फ़ रायपुर मेडिकल कॉलेज में ही EWS कोटा में 14 सीट आवंटित होना था, लेकिन 18 सीट दिया गया है, ST कोटा को 44 सीट मिलना था, 39 सीट दिया गया है. SC को 17 सीट मिलना था लेकिन 15 सीट दिया गया. OBC को 20 सीट मिलना था, लेकिन 18 सीट दिया गया.
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जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर और सिम्स, बिलासपुर में 180-180 MBBS की सीटें हैं, जिसमें से 15% यानी 27 सीट अखिल भारतीय कोटा तथा सेंट्रल नॉमिनी कुल 32 सीटों पर प्रवेश का अधिकार केंद्र को है, दोनों मेडिकल कॉलेज में 82% यानी 148-148 सीटों के वितरण का अधिकार डीएमई के पास होता है, जिसमें वर्गआधार आरक्षण रोस्टर का पालन होना चाहिए. बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने पीजी नीट में गड़बड़ी का ख़ुलासा किया था, मुद्दा उजागर होने के बाद काउंसिल बैकफुट पर जाते हुए गड़बड़ी को सुधारा था.
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