प्रतीक चौहान. रायपुर. कहने को तो घड़ी चौक स्थित तहसील दफ्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील ऑफिस कहलाती है. जहां सबसे ज्यादा तहसीलदार और नायब तहसीलदार बैठते है. लेकिन जब आप यहां जाएंगे तो आपको ये किसी कचरा घर से कम नजर नहीं आएंगा.
यहां जिसकी मर्जी जहां होती है वहां पान-गुटखा खाकर थूकते है, चाय पीने के बाद कचरा जहां मर्जी वहां फेकते है और सफाई कब की जाती है, ये किसी को नहीं पता है. इतना ही नहीं तहसील दफ्तर के अंदर कुछ चेंबरों में डस्टबीन भी मौजूद है, जिसे निकालकर वहां बैठने वाले बाबू वहीं थुकते है और वहीं बैठते है. इतना ही नहीं तहसील परिसर में जहां टाइपिस्ट और स्टॉप वेंडर बैठते है वे भी खुद अपने आस-पास गंदगी करते है. यही कारण है कि ये तहसील दफ्तर कम और कचरा घर ज्यादा नजर आता है. तहसील दफ्तर से जुड़ी खबर देने के लिए 9329111133 पर संपर्क करें.
जुगाड़ से चल रही सफाई
नाम न छापने की शर्त में एक सूत्र ने बताया कि तहसील दफ्तर में जुगाड़ से सफाई कभी-कभी हो जाती है. अधिकारी खुद अपने संबंधों के आधार पर सफाई कर्मचारियों को बुलाते है और खुद खर्चा कर सफाई करवाते है. लेकिन कभी जिम्मेदारों ने यहां की सफाई पर ध्यान नहीं दिया. जबकि तहसील में उच्च अधिकारी यहां तक पटवारियों ने भी अपने खर्चे पर निजी स्टॉफ रखे है, लेकिन उन्होंने भी कभी अपने आस-पास सफाई का ध्यान नहीं दिया और न रायपुर तहसील में कभी कोई सफाई अभियान चलाया गया और न सफाई को लेकर अधिकारियों में एक जुटता दिखी.
पीने का पानी भी आपको यहां नहीं मिलेगा
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तहसील ऑफिस में आप पीने के पानी के लिए तरस जाएंगे, लेकिन यहां आपको पीने का पानी भी नसीब नहीं होगा. इतना ही नहीं यहां किसी दान दाता द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वह भी अब कबाड़ में तब्दील हो गया है और वहां नल की टोटियां भी गायब हो गई केवल पाईप बचे नजर आ रहे है.