रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की केबिनेट ने आज राज्य के किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है. राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों को अब सहजता से समय पर आवश्यक कृषि संबंधी आदान सामग्री की उपलब्धता बीज और कृषि विकास निगम के माध्यम से सुनिश्चित हो सकेगी. केबिनेट ने कृषि विभाग और समान प्रकृति के अन्य विभागों (लाईन डिपार्टमेंट) के लिए आवश्यक वस्तुओं के दर निर्धारण के लिए बीज और कृषि विकास निगम को अधिकृत करने के साथ ही भंडार क्रय नियम में संशोधन करते हुए उसे बतौर एजेंसी शामिल किए जाने की अनुमति दे दी है.

बीज और कृषि विकास निगम अब खेती-किसानी और उससे संबंधी गतिविधियों के लिए आवश्यक आदान सामग्री जैसे बीज, कीटनाशक, हस्तचलित, बैलचलित, पावर चलित, कृषि यंत्र और मशीनरी, ट्रैक्टर, पावर टीलर, ट्रेसर, शीड ड्रील आदि, कृषि अनुसंधान से संबंधित मशीन और इक्यूपमेंट, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन के लिए आवश्यक सामग्री के दर का निर्धारण और आपूर्ति कर सकेगा. बीज और कृषि विकास निगम को अब सीएसआईडीसी और उद्योग विभाग से इसके लिए न तो अनुमति लेने की जरूरत होगी, न ही उन पर निर्भर रहना पड़ेगा.

यहां यह उल्लेखनीय है कि अभी तक कृषि विभाग और लाईन डिपार्टमेंट के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए बीज और कृषि विकास निगम सीएसआईडीसी पर आश्रित था, क्योंकि भंडार क्रय नियम में सामग्री की आपूर्ति के लिए सीएसआईडीसी एक मात्र अधिकृत एजेंसी थी. भंडार क्रय नियम में अब बीज और कृषि विकास निगम बतौर एजेंसी शामिल कर लिया गया है. इससे न सिर्फ बीज और कृषि विकास निगम के कार्य क्षेत्र का दायरा बढ़ेगा, बल्कि वह किसानों के हित और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दर निर्धारण और सामग्री आपूर्ति के लिए अधिकृत एजेंसी के तौर पर काम कर सकेगा.

कृषि विभाग और लाईन डिपार्टमेंट अब बीज और कृषि विकास निगम से सीधे आवश्यक आदान सामग्र्री, मशीनरी, उपकरण क्रय कर किसानों को उपलब्ध करा सकेंगे. केबिनेट के इस फैसले से अब बीज और कृषि विकास निगम, कृषि विभाग और लाईन डिपार्टमेंट के लिए वैसे ही अधिकृत एजेंसी के रूप में काम करेगा जैसे सीएसआईडी अन्य विभागों के लिए छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम के अंतर्गत अधिकृत एजेंसी है.