नई दिल्ली. क्रिप्टोकरंसी निवेशकों के लिए बीते 24 घंटे काफी निराशाजनक रहे हैं. इसमें दुनियाभर के क्रिप्टो निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अकेले बिटकॉइन के निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कॉइनमार्केटकैप के डाटा के अनुसार, 17 फरवरी को क्रिप्टो का वैश्विक बाजार पूंजीकरण 1.99 लाख करोड़ डॉलर था जो 18 फरवरी को घटकर 1.86 लाख करोड़ डॉलर पर आ गया.
बिटकॉइन की कीमत एक दिन में सात फीसदी घट गई है. वजीरएक्स के अनुसार, बिटकॉइन की कीमतों में बीते 24 घंटों में 2.5 लाख रुपए तक की गिरावट रही है. 18 फरवरी को बिटकॉइन का उच्च स्तर 33,97,666 रुपए प्रति यूनिट था जो गिरकर 31,48,,618 रुपए प्रति यूनिट के निम्न स्तर तक पहुंचा गया.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर असमंजस में पड़े बैंकों की दुविधा दूर करने का प्रयास रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने किया है. भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ बैठक में आरबीआई ने क्रिप्टो को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है कि इस पर प्रतिबंध लगाना ही बेहतर होगा.
आरबीआई ने क्रिप्टो को लेकर अपना दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली को बायपास करने के लिए विकसित किया गया है. क्रिप्टोकरेंसी न तो मुद्रा है, न संपत्ति है और न ही कमोडिटी है. इस करेंसी का न तो कोई मूल्य है और न ही किसी का नियंत्रण है. आरबीआई ने साफ कहा है कि उनके पास कोई अंतर्निहित नकदी प्रवाह नहीं है, उनका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है. सीधे कहें तो वे ग्राहकों को चूना लगाने वाली फर्जी योजनाओं से भी बदतर क्रिप्टोकरंसी है.