रायपुर. इस बार ​का विधानसभा चुनाव काफी रोचक होने की उम्मीद है. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अरविंद केजरीवाल के नक्शे कदम पर चलते हुए ऐलान किया है कि वे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव लडेंगे. इसकी घोषणा 11 फरवरी को राजनांदगांव में एक रैली करके करेंगे. इस बात की जानकारी जनता कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने दी.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधानसभा प्रभारी गुलाबी रंग के कपड़े में ठाकुर प्यारेलाल स्कूल राजनांदगांव पहुंचेंगे. जहा एक लाख लोगों की महती सभा में अजीत जोगी अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करेंगें एवं राजनांदगांव की जनता का आर्शीवाद प्राप्त करेंगे.

इसके बाद 12 फरवरी को जोगी का राजनांदगांव के तीन सितारा होटल राज इम्पीरियर होटल में ‘‘एक शाम जोगी के साथ’’ कार्यक्रम होगा. जिसमें 100 लोगों के साथ अजीत जोगी रात्रि भोज के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. इसके लिए लोगों से 11,000 रूपये नगद व चैक के माध्यम से लिये जायेंगे.

आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मौजूदा मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही है. इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने घोषणा की थी कि विधानसभा चुनाव राजनांदगांव से मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. लेकिन 2013 में उन्होंने विधानसभा चुनाव ही नहीं लड़ा. पार्टी ने अजीत जोगी की जगह उनके बेटे अमित जोगी को मरवाही से चुनाव लड़वाया.

माना जाता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी से प्रभावित होकर जोगी ने अलग पार्टी बनाई है लिहाज़ा उसी की तर्ज पर चुनाव लड़ने की उनकी तैयारी है. 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सीधे उस वक्त की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में केजरीवाल ने शीला दीक्षित को करीब 25 हज़ार वोटों से हराकर कांग्रेस की राजनीति दिल्ली में शून्य तक पहुंचा दी थी.

हालांकि माना ये भी जा रहा है कि जोगी के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद कांग्रेस ने जोगी और रमन की सांठगांठ के आरोप आक्रामक तरीके से लगाए थे. उसी का जवाब देने के लिए अजीत जोगी ने ये सियासी दांव चला है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार पर ये भी आरोप लगे थे कि सरकार ने जानबूझकर हाईपावर कमेटी के गठन में गड़बड़ी की ताकि जाति मामले में जोगी को फायदा मिल सके. कांग्रेस ने दोनों की सांठगांठ को खूब प्रचारित भी किया. भूपेश और टीएस के ट्वीट के साथ जोगी और रमन सिंह की दोस्ती को लेकर कांग्रेस ने पोस्टर वार किया था.  इस खबर ने एक बार फिर राजनितिक गलियारों में एक नई चर्चा छेड़ दी है.