दिनेश शर्मा, सागर। मध्यप्रदेश के सागर में 12वीं के एक स्टूडेंट ने रीटोटलिंग के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल से लेकर हाईकोर्ट तक तीन साल लंबी लड़ाई लड़ी. आखिरकार छात्र की मेहनत रंग लाई और जब कोर्ट के आदेश पर कॉपी पुनः चेक हुई तो छात्र को 28 नंबर बढ़कर मिले. बोर्ड ने छात्र को 80.4 प्रतिशत की अंकसूची जारी की है. अब वह मध्य प्रदेश सरकार की मेधावी छात्र योजना के लाभ के लिए आवेदन करेगा.
कबीर मंदिर के पास परकोटा के रहने वाले हेमंत शुक्ला के बेटे शांतनु शुक्ला ने 2018 में एमपी बोर्ड से 12वीं की परीक्षा 74.8% अंकों के साथ पास की थी, लेकिन वो परिणाम से असंतुष्ट होकर मध्यमिक शिक्षा मंडल में रीटोटलिंग के लिए अप्लाई किया, लेकिन रिजल्ट जस का तस आया. इसके बाद परिवार से विचार विमर्श कर उसने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल को दोबारा कॉपी चेक करने के आदेश दिए.
जबलपुर हाईकोर्ट के वकील रामेश्वर ने शांतनु की पूरी लड़ाई 3 साल तक लड़ी. 6 बार नोटिस जारी करने के बाद भी माध्यमिक शिक्षा मंडल अपना पक्ष नहीं रख रहा था. कोर्ट ने फिर से नोटिस जारी कर माध्यमिक शिक्षा मंडल को पुनर्मूल्यांकन करने के लिए आदेशित किया. इसके बाद शांतनु की कॉपी पुनः चेक की गई, तो उसे 28 नंबर बढ़कर मिले. अब बोर्ड ने 80.4 प्रतिशत के साथ अंकसूची जारी की है. शांतनु की पहली अंकसूची में 374 प्राप्तांक थे, अब जो नई मार्कशीट आई है, उसमें 402 टोटल नंबर हो गए हैं.
शांतनु का कहना है कि वो अब मध्य प्रदेश सरकार की मेधावी छात्र योजना के लाभ के लिए आवेदन करेगा. मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना के अंतर्गत छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में आग की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.
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