पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. फिंगेश्वर सरपंच संघ के एक पत्र से राजनीतिक गलियारों और जिला प्रशासन में खलबली मची हुई है. पत्र जारी होने के बाद सरपंचों को मनाने का दौर भी शुरू हो गया है. वहीं पत्र से कई सवाल खड़े हो गए है.
क्या लिखा है पत्र में
सरपंच संघ फिंगेश्वर द्वारा मीडिया के नाम पत्र जारी किया है. पत्र में मेले के दौरान सरपंचों की अपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा सरपंचों को मेले में केवल भीड़ बढ़ाने का जरिया मात्र मान लिया गया है. सम्मान के समय सरपंचों को दरकिनार कर दिया जाता है.
जानिए, क्यों है नाराजगी…
सरपंच संघ राज्यपाल के सम्मान में खुद को अपेक्षित महसूस कर रहा है. फिंगेश्वर विकासखण्ड के सभी सरपंच राज्यपाल के कार्यक्रम में मौजूद थे, मगर जिला प्रशासन ने किसी को भी राज्यपाल के सम्मान के लिए आमंत्रित नहीं किया. इस बात से सरपंच बेहद खफा हैं और खुद को अपेक्षित महसूस कर रहे हैं.
लगाया बड़ा आरोप
मीडिया के नाम जारी पत्र में सरपंच संघ ने बड़ा आरोप लगाया है. पत्र में दावा किया गया है कि अधिकारियों के निर्देश पर फिंगेश्वर विकासखंड के सभी सरपंचों द्वारा राज्यपाल के कार्यक्रम में तकरीबन 100 ट्रैक्टर में भीड़ को लाया गया. मगर उसके बावजूद भी उन्हें कार्यक्रम में तव्वजों नहीं दी गई.
जिला स्तरीय बैठक आयोजित
फिंगेश्वर सरपंच संघ के अध्यक्ष होमनलाल साहू ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि मामले को लेकर सरपंच संघ की जिला स्तरीय बैठक हुई है, जिसमें मामले पर खेद प्रकट किया गया है. जिला सरपंच संघ की इसको लेकर कलेक्टर नम्रता गांघी और जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव से भी मुलाकात हुई है. संघ ने दोनों को ज्ञापन सौंपकर अपनी बात से अवगत कराया है.
मानमनोवल का दौर शुरु
सरपंचों की नाराजगी की भनक लगते ही बड़े नेता और जिला प्रशासन के जिम्मेदार मानमनोवल में जुट गए हैं. होमनलाल ने बताया कि विधायक अमितेष शुक्ल ने उनसे फोन पर बात की है. उन्होंने घटना पर जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी भी प्रकट की है और भविष्य में इस तरह की गलती नहीं दोहराने का आश्वासन भी दिया है. कुछ ऐसा ही आश्वासन जिला प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा भी सरपंच संघ को दिया गया है.
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उठ रहे कई सवाल
मीडिया के नाम जारी पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि फिंगेश्वर विकासखंड के सभी सरपंचों द्वारा राज्यपाल के कार्यक्रम में 100 ट्रैक्टर भीड़ जुटाई गई. अधिकारियों के निर्देश पर सरपंच संघ ने ऐसा करने का दावा किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि राज्यपाल के कार्यक्रम में आई भीड़ प्रायोजित थी. क्या जिला प्रशासन ने मंत्री के सामने अपने नंबर बढ़ाने के लिए सरपंचों को ऐसा करने के लिए कहा. राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है.
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