प्रतीक चौहान. रायपुर. तहसीलदार और उनके रीडर पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक अधिवक्ता ने एक शिकायत जिला अधिवक्ता संघ और कलेक्टर रायपुर से की है.
शिकायतकर्ता ने अपनी इस शिकायत में कहा है कि उपरोक्त परिपेक्ष्य में तहसीलदार रायपुर एवं रीडर रफत अली के विरुद्ध ठोस कदम उठाएं जाएं ताकि पुनः रायगढ़ जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. लल्लूराम डॉट कॉम तक अपनी शिकायत पहुंचाने के लिए 9329111133 पर संपर्क करें.
ये है पूरा मामला
शिकायतकर्ता के मुताबिक उसके तथा उसके भाई के संयुक्त नाम से ग्राम खमतराई,जिला रायपुर में भूमि खसरा नम्बर 435/4 का रकबा 0.124 हेक्ट.धारित की जाती है जिसे वर्ष 1990 से क्रय किये जाने से लेकर हम उक्त भूमि पर शांतिपूर्वक मकान व मंदिर एवं बाउंड्री बनाकर निर्विवाद रूप से दाखिल व काबिज है. शेष भूमि खसरा नम्बर 435/16 का रकबा 0.168 हेक्ट.शासकीय सीलिंग में वर्ष 1988-89 में विलीन हो गया, शासन को उक्त सीलिंग भूमि का कब्ज़ा भी प्राप्त हो गया. शिकायतकर्ता का दावा है कि उक्त भूमि पर भू माफिया की बुरी नजर है,वर्ष 2019 में सक्षम प्राधिकारी नगर भूमि सीमा से सांठ गांठ करके उनके द्वारा चालीस वर्ष पुराने प्रकरण क्रमांक 852/अ-90/सी-1/78-79 में बिना किसी जांच,प्रक्रिया एवं आर्डरशीट के उक्त सीलिंग भूमि ख.न.435/16 को सीलिंग मुक्त करने का आदेश पारित करवा लिया गया,जिसमे मूल प्रकरण में कई पन्नो पर कूट रचना की गयी है. उक्त प्रकरण में पैरवी बिना वकालतनामा के जी.अहमद अधिवक्ता द्वारा की गयी है तथा सीलि ही बिना कब्जे के उक्त भूमि का विक्रय अमित पटेल वगैरह को कर दिया गया. शिकायत के मुताबिक जिसकी अनियमितता की शिकायत कलेक्टर रायपुर को की गयी है. वर्तमान में अमित पटेल वगैरह के द्वारा अधिवक्ता जी.अहमद के माध्यम से 52 एक दुरुस्ती का आवेदन पेश कर खसरा नम्बर 435/4 को ख.न.435/16 की भूमि बताते हुए .435/16 के
रूप में दर्ज करने का निवेदन किया गया है,अर्थात इस प्रकार आवेदक मेरी भूमि को अपनी भूमि बताते POSED हुए मेरी जमीन हडपने का प्रयास कर रहे हैं. इस सम्बन्ध में वर्तमान में तहसीलदार रायपुर मनीष देव साहू के न्यायालय में राजस्व प्रकरण क्र. 202112110200105/अ-6अ/2021-22 लंबित है जिसके पक्षकार अमित पटेल वगैरह वि. रविशंकर प्रसाद गुप्ता है. शिकायतकर्ता का दावा है कि उक्त प्रकरण में कई बार मांग किये जाने एवं कई पेशियां हो जाने के बाद भी आवेदन एवं दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध नहीं की गयी हैं और न ही उसे जवाब पेश करने का अवसर प्रदान किया गया है. शिकायतकर्ता के मुताबिक उसके पक्ष को सुने बिना तहसीलदार द्वारा स्थगन आदेश तक जारी कर दिया गया, तथा उक्त स्थगन आदेश को लेकर आठ दस पुलिस वाले उसकी भूमि पर पहुंचकर काम बंद करने की धमकी देते हैं और बिना मेरी अनुमति के प्रवेश कर मौके की वीडियो बनाते हैं.
इस संबंध में तहसीलदार का कहना है कि उन्हें भी इस शिकायत की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है. चूंकि शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई है, इसलिए पूरे मामले की जांच के बाद सच्चाई सामने आ ही जाएगी.