सुप्रिया पांडेय, रायपुर. प्रदेश के मयंक वर्मा यूक्रेन के मिकोलाइव्ह ओब्लास्त में और अक्षत यूक्रेन के खारकीव में फंसे हुए है. वे अपने परिजनों से मदद की गुहार लगा रहे है, इधर छात्र के परिजनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है.

बता दें कि मयंक यूक्रेन के मिकोलाइव्ह ओब्लास्त में रहकर पढ़ाई कर रहा है. यूक्रेन और रूस के बीच जंग से यूक्रेन में रह रहे लोगों में दहशत का माहौल है. परिजन कहते है कि मयंक पहले प्लैट में रहता था, लेकिन अब सभी लोग गर्ल्स हॉस्टल में शिफ्ट हो गए हैं. वहां पानी की समस्या है, खाने की दिक्कत भी हो रही है. वहां सायरन बजते ही लोगों को बंकर में जाने की बात कही जा रही है.

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मयंक के परिजन बताते है कि उन्होंने मदद के लिए नोडल अधिकारी गणेश मिश्रा से संपर्क किया अधिकारी ने उन्हें रोमानिया के एक अधिकारी का नंबर दिया, जो छात्रों की मदद कर सकते थे पर वे फोन नहीं उठा रहे हैं. छात्रों का इंडियन एंबेसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है. परिजन बेहद परेशान हैं.

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वहीं रायपुर का अक्षत भी यूक्रेन के खारकीव में फंसा हुआ है, जहां उनके परिजन सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. अक्षत के मामा नानक लालवानी बताते हैं, कि अक्षत से रोज उनकी बातें होती हैं, अक्षत उन्हें बताते हैं कि वहां पर दहशत का माहौल है. हॉस्टल के छात्रों को थोड़ी थोड़ी देर में बम धमाकों की आवाज आती है. उन्हें काफी परेशानियां हो रही हैं.

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जानकारी के अनुसार अक्षत समेत विभिन्न छात्रों को हॉस्टल प्रबंधन ने बेसमेंट में ठहराया है. अक्षत के परिजन चाहते हैं कि जल्द ही उसकी छत्तीसगढ़ वापसी हो. परिजनों ने इसके लिए इंडियन एंबेसी से संपर्क भी किया, लेकिन अक्षत का इंडियन एंबेसी से संपर्क नहीं हो सका.