प्रतीक चौहान. रायपुर. ये खबर उन पाठकों के लिए बेहद जरूरी है जो अक्सर फ्लाइट (Flight) में सफर करते है. उनमें भी इन यात्रियों के लिए ज्यादा जो अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट में यात्रा करते हैं.
वो इसलिए क्योंकि अगर आपने अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट (Flight) में 1 घंटे का डिफ्रेंस रखा हैं और आप ये सोच रहे है कि आपको अगली फ्लाइट 1 घंटे के अंदर पुनः मिल जाएगी, तो कही ऐसा न हो कि आपका ये फैसला आपको महंगा पड़ जाए.
क्योंकि देश की राजधानी दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर रोजाना ऐसे सैकड़ों यात्री होते है जिनकी फ्लाइट मिस (Flight Miss) हो जाती है. दिल्ली एयरपोर्ट से अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट (Connecting Flight) में अक्सर यात्रा करने वाले एक यात्री ने बताया कि रोजाना सैकड़ों यात्रियों की फ्लाइट यहां से मिस हो रही है.
इसके पीछे की वजह उन्होंने बताई कि फ्लाइट से यात्रा के बाद जब यात्री दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच रहे है तो उन्हें पुनः सिक्यूरिटी चैक करवानी पड़ रही है.
ऐसे में एक ही वक्त पर वहां लंबी कतारें यात्रियों की लग जाती है. यही कारण है कि यात्रियों की फ्लाइट अक्सर छूट रही है.
पुनः सिक्योरिटी चैक क्यों ?
उक्त यात्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उदाहरण के तौर पर जब कोई यात्री रायपुर से बनारस के लिए फ्लाइट में रवाना हुआ और उनकी दिल्ली से बनारस की कनेक्टिंग फ्लाइट है. तो उक्त यात्री ने रायपुर एयरपोर्ट से ही पूरी सिक्योरिटी क्लीयरेंस करवाकर ही फ्लाइट में बैठा. इसके बाद बिना एयरपोर्ट से बाहर निकले एयरपोर्ट के अंदर से ही दूसरी फ्लाइट में रवाना होने निकला. ऐसे में पुनः सिक्योरिटी क्लीयरेंस करवाने को लेकर उन्होंने सवाल उठाएं है.
उन्होंने कहा कि ये समझ से ही परे है कि ऐसा क्यों ? उनका कहना था कि एयरपोर्ट अथॉरिटी और सीआईएसएफ के उच्च अधिकारियों को इस फैसले को लेकर विचार करना चाहिए. जिससे यात्रियों की फ्लाइट मिस न हो. या कनेक्टिंग फ्लाइट के समय सिक्यूरिटी काउंटरों की संख्या बढ़ा दी जानी चाहिए जिससे सिक्यूरिटी चैक में वक्त न लगे.
उक्त यात्री के मुताबिक जहां से वे पुनः सिक्यूरिटी चेक करवाकर निकले थे वहां सिर्फ दो ही काउंटर शुरू थे, जहां सामान की जांच सीआईएसएफ के अधिकारी/कर्मचारी कर रहे थे.