रायपुर। बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि कवासी लखमा ने कहा कि मध्यप्रदेश में अध्यापक का संविलियन हो सकता है, तो फिर छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों का संविलियन क्यों नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किस बात का डर है.

कवासी लखमा ने कहा कि शिक्षाकर्मी को जेल से आधी रात को किस कानून के तहत रिहा कराया गया. आंदोलन खत्म कराने के लिए जेल से छोड़ा गया. उन्होंने कहा कि जब हमने कहा कि कांग्रेस की सरकार आएगी, तो सबसे पहले धान का समर्थन मूल्य 2 हजार रुपए करेंगे. आपने 21 सौ रुपए कहा, लेकिन नहीं दिया.

कवासी लखमा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप बार-बार बोलते हैं कि कांग्रेस की सरकार ने कुछ नहीं किया. हमारे नेताओं ने देश के लिए कुर्बानी दी है. पाकिस्तान से 10 सिर लाने की बात करने वाले आज तक एक भी सिर नहीं ला पाए.

कवासी लखमा ने कहा कि नोटबन्दी के समय बस्तर के लोगों को अपना नोट कम दाम में बेचना पड़ा. सरकार लगातार झूठ बोल रही है. बायो डीजल का क्या हुआ. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत लोग काम करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि समय पर भुगतान नहीं होता.

उन्होंने कहा कि बस्तर के लोग तेलंगाना में छुप कर रहते हैं. 14 साल में रमन सिंह को इस तरह नहीं देखा. उन्होंने कहा कि बस्तर परिवहन संघ के साथ इस सरकार ने क्या किया है. कवासी लखमा ने सरकार पर निशाना साधा कि सरकार आदिवासी समाज की जमीन छीनना चाहती थी, इसके लिए आदिवासी आप को माफ नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री के आने पर बिजली आती है और सड़क बनता है, ये कैसा विकास है.

उन्होंने कहा कि इस सरकार में अंतिम व्यक्ति की कोई सुनवाई नहीं है. जिला खनिज न्यास में जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं होती. कवासी ने कहा कि कलेक्टर बैठक लेंगे, प्रभारी मंत्री बगल में बैठेंगे, ये आपने कैसा कानून बनाया है.