अमृतांशी जोशी,भोपाल। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी घरेलू हिंसा की समस्या से जूझ रहा है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन पुरुष भी घरेलू हिंसा के शिकार हैं. दरअसल मध्यप्रदेश में कोरोना लॉकडाउन के दौरान पुरुषों पर घरेलू हिंसा के मामले काफी हद तक बढ़े हैं. एमपी के पतियों ने घरेलू हिंसा के 40% शिकायतें दर्ज कराई है. ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
जानकारी के मुताबिक पतियों ने अपनी पत्नी के खिलाफ घरेलू हिंसा के 40% शिकायतें कराई हैं, वो फिजिकल, इमोशनल किसी भी तरह की हिंसा हो सकती हैं. मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से पुरुष परेशान हैं. पुरुषों के लिए काम करने वाले संगठनों का दावा
लॉकडाउन में 38% तक मामलों में बढ़ोतरी हुई है. प्रताड़ना से परेशान पुरुष संगठनों से लगाई मदद की गुहार करते हैं.
मध्यप्रदेश में लॉकडाउन से पहले साल के औसत 19 हजार कॉल आते थे, लेकिन लॉकडाउन के समय यह संख्या 22 हजार तक पहुंच गई है. प्रदेश के बड़े शहरों से ज्यादा शिकायतें सामने आई हैं. इंदौर में पहले महीने में करीब 110 कॉल आते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान करीब 170 कॉल आए हैं. पत्नियों के रवैये से पुरुष डिप्रेशन में रहने लगे हैं. एक छत के नीचे ज्यादा समय बिताने से विवाद बढ़े हैं. इसके अलावा पत्नियां ससुराल वालों के साथ भी खराब व्यवहार करती है. पत्नी के अफेयर से लेकर मुकदमा दर्ज करने की धमकी से पति परेशान हैं.
भाई वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष जकी अहमद का कहना है कि हर साल उनके पास बहुत ऐसी शिकायतें आती है, जहां पति अपनी पत्नी से बहुत परेशान हैं. उनकी पत्नी उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी काफी परेशान करती है. लॉकडाउन में एक छत के नीचे ज्यादा समय बिताने से विवादों में बढ़ोतरी आई है. साथ ही आर्थिक तंगी के चलते पत्नियों ने पतियों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया है. जॉब जाने के कारण पति घर पर परेशान रहने लगे, जहां विवाद और ज्यादा बढ़ गए.
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