राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। राजधानी भोपाल में पूर्व सीएम उमा भारती ने शराब दुकान पर पत्थर फेंका था. अब इस मामले में उमा ने सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी की पहल जनता करे तो, सरकार को उसका साथ देना चाहिए. मुझे महिलाओं और बच्चियों ने रोते हुए अपनी परेशानी बताई थी. इसलिए मैंने तैस में आकर शराब दुकान में पत्थर दे मारा. उमा भारती ने सीएम से निषिद्ध और वर्जित स्थानों पर स्थित दुकानों को बंद करने की मांग की है.
पूर्व सीएम उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज को लिखे पत्र में कहा है कि मैंने डेढ़ साल पहले शराब बंदी के संदर्भ में आपसे चर्चा की थी. आपने हमेशा मुझे सम्मानपूर्वक सकारात्मक जवाब दिया था. आपका कहना था कि मैं इस बारे में जागरूकता अभियान करूं. मैंने इस सम्बन्ध में प्रदेश अध्यक्ष बी.डी. शर्मा से भी कई बार बात की. उनका उत्तर भी आपके उत्तर से मेल खाता था. आप दोनों परम सतोगुणी व्यक्ति हैं स्वाभाविक है कि आप दोनों का उत्तर सकारात्मक ही होना था.
मेरा मानना है कि नशे के लिए जागरूकता के लिए समाज पहल करे सरकार उसका साथ दे. शराबबंदी में सरकार पहल करे. समाज सरकार का साथ दे, क्योंकि शराब की दुकानें सरकार की सहमति से खुलती हैं. इसलिए शराबबंदी सरकार की ओर से और नशामुक्ति शराबमक्ति के लिए अभियान समाज की ओर से होना चाहिए.गंगा यात्रा से वापसी के बाद मैंने जब आपसे मिलने का समय मांगा, तो मेरा सम्मान रखते हुए आप स्वयं मेरे घर आए. हमने इस संदर्भ में बात की. आपने सुझाया कि नशा एवं शराबमुक्ति के लिए सामाजिक अभियान चले और सरकार इसमें पूर्ण सहयोग करेगी.
उन्होंने आगे लिखा है कि मैं कल 13 मार्च 2022 को महिलाओं के आग्रह पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी के आजाद नगर में शराब की दुकान और अहाता देखने के लिए गई. वहां महिलाओं से जानकारी मिली कि यह मजदूरों की बस्ती है यहां मंदिर है, स्कूल है वह तीन साल से इन शराब की दुकानों को बन्द करने के लिए धरने, प्रदर्शन कर रहीं हैं. प्रशासन आश्वासन भी दे देता है, लेकिन यह दुकानें बन्द नहीं होती हैं. मैं उस दुकान से यह कहते हुए जैसे ही वापस मुड़ी कि मैं शासन से इस संबंध में बात करूंगी कि अचानक कुछ महिलाओं ने मुझे रोते हुए बताया कि यहां शराब पीकर शराब की दुकान के पीछे के रहवासी परिवारों की स्त्रियों और बच्चियों की तरफ खड़े होकर शराबी लोग लघुशंका करके महिलाओं और बच्चियों को लज्जित करते हैं.
यह प्रदेश का सौभाग्य है कि आप जैसा सतोगुणी चरित्र का व्यक्ति प्रदेश का मुखिया है. आप स्वयं नारी का सम्मान रखने की हमेशा बात करते हैं. मेरी प्रतिक्रिया बिल्कुल स्वाभाविक थी. मैं वापस शराब की दुकानों की ओर मुड़ी कर्मचारियों से थोड़ा दूर होने के लिए कहा और फिर पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों में दे मारा.
उमा ने आगे लिखा है कि निषिद्ध और वर्जित स्थानों पर शराब की दुकानें और अहाते हैं, वह तो शासन को तुरंत बन्द कर देना चाहिए. जागरूकता अभियान तो शराबियों की और नशेड़ियों की निजी जिन्दगी बचाने के लिए होगा. मैं एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं के सम्मान की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों में मारा है, क्योंकि वह दुकानें नियम विरूद्ध जगहों पर थीं. वह पत्थर जो मैंने मारा है, वह प्रदेश की स्त्रियों और बच्चियों के सम्मान के लिए हुआ है. मैं आपकी बात से सहमत हूं कि सरकार, सामाजिक संस्थाऐं नशा और शराब के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलायेंगी, तो उसमें मैं हमेशा भागीदारी करूंगी.
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