नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान लगातार अपनी नापाक करतूतों को अंजाम देने में लगा हुआ है. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यहां हमलों को अंजाम दे रहे हैं. लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण हैं.
करीब हफ्तेभर पहले सुंजवां आर्मी कैंप पर हमला और उसके बाद हो रहे लगातार हमलों से एलओसी पर तनावपूर्ण हालात हैं, हालांकि भारतीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से आंतकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.
अब पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने एक बड़ा फैसला लिया है. आर्मी कमांडर्स और कमांडिंग ऑफिसर्स को दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए एक्शन लेने की पूरी छूट दी गई है. पाकिस्तान की नापाक करतूतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब आर्मी कमांडर्स को भी खुली छूट मिल गई है.
वहीं भारत के इस फैसले से पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं. एलओसी पर रहने वाले अपने नागरिकों और पोस्ट्स पर मौजूद सैनिकों को पाकिस्तान की ओर से करीब तीन दर्जन बार रेड अलर्ट जारी किया गया. इसके अलावा रावलपिंडी स्थित 19 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम राजा ने भी जनवरी में एलओसी पर मौजूद कई सेक्टर का दौरा किया और अपने सैनिकों से बात की.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने की ये आजादी सितंबर 2016 से मिली हुई है. सेना एलओसी पर स्थित पाकिस्तानी पोस्ट्स के खिलाफ अपने फैसले लेने के लिए तब से ही आजाद है, जब पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए उरी आतंकी हमले का जवाब पाकिस्तान को दिया गया था.
सेना से जुड़े सूत्रों ने जानकारी दी है कि सेना ने एलओसी पर रणनीतिक कार्रवाई के लिए अपनी नैतिक प्राथमिकता को तय करने में सफलता हासिल की है. सेना का मकसद आने वाले गर्मी के मौसम में एलओसी पर मौजूद टेरर लॉन्च पैड्स को एक्टिवेट होने से रोकना है.
दरअसल जानकारी के मुताबिक, करीब 400 आतंकी पाकिस्तान की तरफ से एलओसी पार करने के लिए गर्मी के मौसम का इंतजार कर रहे हैं. बर्फ पिघलने के साथ ही पाकिस्तान सेना घुसपैठ के लिए आतंकियों को जल्द से जल्द आदेश दे सकती है.
गौरतलब है कि पिछले साल सेना ने 138 पाकिस्तानी सैनिक मार गिराए और 156 को घायल कर दिया. वहीं इस साल 7 पाकिस्तानी सैनिकों को सुरक्षाबल ने ढेर कर दिया है.
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान ने पिछले साल एलओसी पर 860 बार सीजफायर का उल्लंघन किया. वहीं इस साल अब तक ये आंकड़ा 280 पहुंच चुका है. वहीं पाक सरकार की ओर से दावा किया गया था कि भारत ने पिछले साल 1,970 बार तो इस वर्ष 335 बार युद्धविराम तोड़ा है.