शशि देवांगन, राजनांदगांव। आज राजनांदगांव में हज़ारों किसानों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है. आज यहां प्रदेशभर से किसान जुटे हैं. किसान कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं. साथ ही वे बाकी के दो सालों का बोनस देने की भी मांग कर रहे हैं.

किसानों ने छूटे हुए गांवों का बीमा और वनाधिकार कानून का कड़ाई से पालन कराने की भी मांग सरकार से की है. किसान संघ के बैनर तले हजारों किसानों ने जिला कार्यालय के सामने सभा की. इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट से लेकर जयस्तंभ चौक तक मार्च निकाला.

बता दें कि पिछले साल किसानों ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था और पदयात्रा निकाली थी. किसानों ने कर्ज माफी, सूखे पर राहत पैकेज, 2100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान का समर्थन मूल्य, 300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से शेष बचे 2 सालों का बोनस, मुफ्त बिजली की मांग की थी. हालांकि उस वक्त किसानों की पदयात्रा को राजधानी पहुंचने से सरकार ने रोक दिया था और सैकड़ों की संख्या में किसानों को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही राजधानी सेत कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई थी.

दरअसल किसानों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2013 में चुनाव के दौरान वादा किया था कि वह किसानों को धान का 2,100 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य और तीन सौ रुपये बोनस देगी.

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से छत्तीसगढ़ का किसान सूखे सहित विभिन्न आपदाओं से घिरा हुआ है. छत्तीसगढ़ में भी किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं. उसके फसल की कीमत महंगाई के हिसाब से और कम हो गई है.

बता दें कि कृषि ऋण माफ करने, शेष दो सालों 2014-15 और 2015-16 का धान बोनस देने, उत्पादन लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य करने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों ने पिछले साल सितंबर में भी संकल्प यात्रा निकाली थी.

बहरहाल आज भी किसान हजारों की संख्या में राजनांदगांव में जुटे हैं और सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.