शिवशम्भू,कोरिया. छत्तीसगढ़ चुनाव अभियान समिति के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ चरणदास महंत को उनके ही गढ़ में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. महंत के खिलाफ क्षेत्र में पर्चे बांटे गये हैं. इस पर्चे में पिछले चुनावो में कांग्रेस को मिली हार के लिए महंत को जिम्मेदार ठहराया गया है. महंत के खिलाफ पर्चा सामने आने के बाद जहां एक ओर भाजपा इसे पार्टी के अन्दर फूट होना बता रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसके पीछे उनके द्वारा निकाली जा रही जनयात्रा में लोगों के मिल रहे समर्थन के चलते भाजपा का डर होना बता रही है.

डॉ.चरणदास महंत इन दिनों कोरिया जिले में अपनी राजनैतिक हसदेव जनयात्रा निकाल रहे हैं. भरतपुर विधानसभा के ग्राम मेंड्रा स्थित हसदेव नदी के उदगम स्थल से महाशिवरात्रि के दिन से प्रारंभ यह यात्रा विभिन्न स्थलों का दौरा कर रही है. जिसका नेतृत्व स्वयं चरणदास महंत कर रहे है. इस यात्रा के माध्यम से वे हाट बाजारों में पहुंचकर सरकार की जनविरोधी नीतियों को जनता के सामने रख रहे हैं.

इसी बीच जिला मुख्यालय में बंट रहे एक गुमनाम पर्चे ने कांग्रेसी खेमे में हड़कंप मचा दिया है. उसे लेकर आपसी चर्चा का दौर शुरू हो गया है. डॉ. चरणदास महंत कोरिया जिले को अपना राजनैतिक गढ़ मानते हैं लेकिन इस पर्चे उन्हें भी सोचने पर मजबूर कर दिया है.

लल्लूराम डॉट कॉम को मिले पर्चे में साफ–साफ कोरिया में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति के लिए महंत को जिम्मेदार ठहराया गया है. राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी के नाम जारी पर्चे में प्रदेश में सरकार न आने का कारण भी बताया गया है. पर्चे में लिखा है कि कोरिया जिले से चरणदास महंत को न हटाने के कारण ही पिछले चुनाव में पार्टी की हार हुई है. इस बार भी नहीं हटाया गया, तो फिर से हार तय है. पत्र में लिखा गया है कि चरणदास महंत को कोरिया जिले की जनता नकार चुकी है. उन्हें नेता और कार्यकर्ता भी नकार चुके हैं. वे बाहरी हैं और मंत्री रहते हुए झूठी घोषणा कराकर जनता को नाराज कर दिया है, जिससे लोगों का मोहभंग हुआ है. पर्चे में इस बार के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए भी मूल मंत्र दिया गया है और पूर्व वित्तमंत्री डॉ. रामचंद्र सिंहदेव को जिले की बागडोर सौंपने की बात कही गई है. पर्चे में मजेदार बात यह है कि इसमें लिखा गया है कि जो भी यह पत्र पढ़े, वो 100 पन्ने जरूर छपाए और यह जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंचाने में मदद करे. इस पर्चे को सोशल मीडिया और व्हाट्स में भी वायरल करने की अपील पर्चे में की गई है.

बहरहाल यह गुमनाम पर्चा कांग्रेसी दिग्गजों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. अपने नेता के खिलाफ बंटे इस पर्चे पर कुछ भी बोलने से कांग्रेसी बचते नजर आ रहे हैं. वही भाजपा के नेता इस पत्र को कांग्रेसी फुट का स्पष्ट उदाहरण बता रहे हैं. भाजपाइयों का कहना है कि इधर डॉ. महंत प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं तो उधर कांग्रेसी ही गुमनाम पर्चे बांटकर आपसी यथा स्थिति को दिखा रहे हैं. जिनके घर में ही फूट है उन्हें प्रदेश की बागडोर जनता कभी नहीं सौपेगी.

वहीं कांग्रेस प्रदेश सचिव नाजिर अजहर का कहना है कि हसदेव जनयात्रा की सफलता को देखते हुए बीजेपी में दहशत का माहौल है और यही कारण है कि कांग्रेस की छबी को धूमिल करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों द्वारा पर्चे बाटें जा रहे है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब तक उन्होंने पर्चा नहीं देखा है. और पर्चा बढ़ने के बाद ही इस मामले पर ज्याद कुछ कह पायेंगे.