चंडीगढ़। अभी ठीक से गर्मी का मौसम शुरू भी नहीं हुआ कि पंजाब में बिजली संकट गहराने लगा है. गर्मी की शुरुआत होते ही यहां बिजली की डिमांड बढ़ गई है. इधर प्रदेश को बिजली संकट से भी दो-चार होना पड़ रहा है. बता दें कि राज्य के 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट में सिर्फ 3 से 6 दिन का कोयला बचा है. इसके अलावा सरकारी थर्मल प्लांटों में क्षमता के मुताबिक बिजली पैदा नहीं हो रही है, ऐसे में पंजाब की नई AAP सरकार में हड़कंप मच गया है. हालात बिगड़ता देख आप की भगवंत मान सरकार ने अफसरों की टीम झारखंड रवाना कर दी है, जो वहां से कोयले की आपूर्ति को सुनिश्चित करेंगे.
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प्राइवेट थर्मल प्लांटों में ठप हो सकता है बिजली उत्पादन
पंजाब के प्राइवेट थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन ठप होने की आशंका बनी हुई है. 1400 मेगावाट क्षमता वाले राजपुरा थर्मल प्लांट में सिर्फ 6 दिन का कोयला बचा है. 1980 मेगावाट वाले तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में सिर्फ 4 दिन का कोयला है. वहीं गोइंदवाल साहिब में 3 दिन का कोयला बचा है. इसकी क्षमता 540 मेगावाट है, लेकिन अभी एक ही यूनिट चल रही है.
सरकारी थर्मल प्लांटों का भी बुरा हाल
सरकारी थर्मल प्लांटों में शामिल रोपड़ थर्मल प्लांट में कोयला तो 20 दिन का बचा है, लेकिन उत्पादन पूरा नहीं हो रहा. यह प्लांट 840 मेगावाट का है, लेकिन उत्पादन 566 मेगावाट हो रहा है. वहीं लेहरा मुहब्बत की क्षमता 1925 मेगावाट है. यहां भी 20 दिन का कोयला बचा है. कोयले की कीमत बढ़ने से यह दिक्कत पैदा हुई है. कोल इंडिया लिमिटेड ने पब्लिक सेक्टर थर्मल प्लांटों के लिए तो 4 हजार रुपए प्रति मीट्रिक टन का एग्रीमेंट किया है, हालांकि निजी थर्मल प्लांट ऑनलाइन बोली के जरिए कोयला खरीदते हैं. गर्मियों में इसकी मांग बढ़ने पर रेट भी करीब 350% बढ़ चुके हैं. जिस वजह से कोयला नहीं खरीदा जा रहा. इसके चलते कोयला संकट पैदा हो रहा है.
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पिछले साल चन्नी सरकार हालात संभालने में हो गई थी फेल
गौरतलब है कि पंजाब पिछले साल भी अक्टूबर के महीने में ब्लैकआउट का सामना कर चुका है. कोयले की कमी की वजह से प्राइवेट थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन ठप हो गया था. इस हालात को संभालने में तत्कालीन CM चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली सरकार फेल रही थी. खेती और इंडस्ट्री को पर्याप्त बिजली देना तो दूर, कोयला संकट से घरों में भी बत्ती गुल हो गई. अब पंजाब में CM भगवंत मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है, ऐसे में उन्हें अब बिजली संकट की चुनौती को झेलना होगा.
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