इमरान खान, खंडवा/ निशांत राजपूत, सिवनी। इरादे मजबूत हों और कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम असंभव है. आज हम आपकों बेटियों के मजबूत इरादे और दृढ़ इच्छाशक्ति की दो खबर लाए हैं.

सिवनी की नमिता चंदेल ने थाईलैंड में आयोजित महिलाओं की 200 मीटर वाटर रेस में कांस्य पदक जीतकर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है. सिवनी के छपारा की नमिता ने तीसरा स्थान प्राप्त करते हुए ब्राउन मेडल जीता है. आपको बता दें नमिता ने इससे पहले भी वाटर स्पोर्ट में कई पदक जीत चुकी है. जिन्हें विक्रम अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. हाल ही में भोपाल में भी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. जो सिवनी जिले की बेटी बचाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी है.

बेटियां सीख रही आत्मनिर्भर के गुर

इधर, खंडवा जिले के आदिवासी ब्लॉक खालवा की बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक सामाजिक संस्था उन्हें ब्यूटी पार्लर, मोटरसाइकिल रिपेयरिंग और इलेक्ट्रिक रिपेयरिंग जैसे कार्य का हुनर सिखा रही है, ताकि ये बालिका आत्मनिर्भर बन सके और इन्हें नौकरी के लिए बाहर ना जाना पड़े.

स्पंदन समाजसेवा समिति ने बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना का बीड़ा उठाया है. शुरुआत में 25 आदिवासी युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सामाजिक संस्था का कहना है कि इससे पलायन रुकेगा। ये बेटियां अपने ही गांव में रहकर आसानी से इन कामों के जरिए रोजगार हासिल कर अपना जीवन सुधार सकेंगी.

हुनर सीख रहीं बेटियों का कहना है ये सीखकर वो खुद अपना काम शुरू करेंगी और मजदूरी करने के लिए बाहर नहीं जाएंगी. गांव में अपना काम कर ना केवल खुद अपने पैरों पर खड़े होंगी बल्कि अपने परिवार की भी मदद करेंगी.

दरअसल, खालवा ब्लॉक के अधिकांश लोग मजदूरी के लिए महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जाते हैं. लेकिन अब इस हुनर से ना केवल इन बालिकाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि इनके परिवार का पालन पोषण भी हो सकेगा. मजदूरी के लिए घर छोड़कर दूसरे राज्यों में काम के लिए नहीं जाना पड़ेगा.

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