रामेश्वर मरकाम. धमतरी. चुनावी समर में किसी भी पार्टी को सबसे ज्यादा निर्भर अपने कार्यकर्ताओं पर होता है जो पार्टी को जीत दिलाने में कोई कसर नही छोड़ते. वही कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी को ले कई डूबती है. कहने को तो बीजेपी इस वक्त पूरे देश में सबसे बड़ी पार्टी है.लेकिन सबसे अनुशासित कहे जाने वाले भाजपा में भी मुश्किले भी कम नही है.धमतरी में इन दिनों कार्यकर्ताओं में खुलकर नाराजगी सामने आई है.मामला कालेज की मांग से जुड़ा है जो कभी स्थानीय चुनावों में चुनावी मुददा रहा.दरअसल धमतरी के आमदी नगर पंचायत के करीब 300 भाजपाइयों ने कालेज की मांग को लेकर पार्टी का दामन छोड़ने की धमकी दी है.

कार्यकताओं की नाराजगी के कारण आमदी में 10 साल बाद भी कालेज नहीं बन पाना है.जबकि आमदी में कालेज का मुददा ही भाजपा की चुनावी वायदे रही है.ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी देखी जा रही है क्यांेकि वे जनता के पास के किस आधार पर फिर से वोट मांगेगें.वही जिला नेतृत्व से मुखर होकर मांग पूरी नही होने पर पार्टी छोड़ने की धमकी कार्यकर्ताओं ने दी है.इस मामले में भाजपा के जिलाध्यक्ष ने कालेज की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री तक बात रखे जाने की बात कही है.गौरतलब है कि आमदी नगर पंचायत में मतदाता तकरीबन 4500 है.जिसमे से भाजपा के समर्थक ज्यादा है और यहां शुरू से जनता भाजपा का साथ दे रही है.

नगरपंचायत बनने के बाद काॅलेज सहित विकास के मुददे को लेकर बीजेपी यहां से स्थानीय चुनाव जीतते रहे है.लेकिन भाजपा की सरकार होते हुए भी ये मांग आज भी अधुरी की अधुरी है.हालांकि स्थानीय लोगों ने कालेज की मांग स्थानीय विधायक गुरूमुखसिंह होरा से भी किया था.भाजपा के यीशुपाल साह.ूतरूण साहू.प्रेमशंकर साहू ने बताया कि आमदी नगरपंचायत में 300 भाजपा के प्राथमिक सदस्य है.और पार्टी को जीत दिलाने चुनावी घोषणा पत्र में प्रमुख रूप से कालेज की मांग शामिल किए थे. इसके आलावा मुख्यमंत्री से भी आस्वासन मिला था कि कालेज बनाया जाएगा.लेकिन इस बार बजट में भी कालेज नही मिला बल्कि कुरूद इलाके के सिलौटी में कालेज दे दिया गया.

चूँकि आमदी बड़ा क्षेत्र है लिहाजा इलाके के छात्र 15 से 20 किलोमीटर का सफर तय कर कालेज जाते है और अब भी मांग पूरी नही होती तो सभी लोग भाजपा से इस्तीफा दे देंगे बहरहाल जिलाध्यक्ष रामू रोहरा ने इसका ठीकरा स्थानीय विधायक पर मढ़ दिया.उनका कहना है कि विधायक ने आश्वासन के बाद उनके मांगों को पूरा नही किया.हालांकि कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए जिलाध्यक्ष ने उनको आश्वस्त किया है.