संदीप शर्मा,विदिशा। एमपी अजब है सबसे गजब है. इस विज्ञापन को तो आपने जरूर देखा होगा. यह बात भी कई दफ सही साबित हो चुकी है. विदिशा जिले में 26 जनवरी 2001 के बाद शिक्षा विभाग में जिन शिक्षकों के यहां तीसरी संतान हुई है. ऐसे 955 शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. हालांकि अभी तक करीब 160 शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब दिया है. जिसमें नौकरी ज्वाइन के दौरान नियम नहीं होने, टीटी ऑपरेशन फैल होने और किसी ने तीन बच्चे होने पर एक बच्चा स्वजनों को गोद देने की बात कही है. अब जवाबों के सत्यापन के लिए डीईओ ने एक समिति बना दी है, जो तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

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बता दें कि 26 जनवरी 2001 के बाद सरकार ने नियम लागू किया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई है, तो वह नौकरी के लिए अपात्र माने जाएंगे. विधानसभा में उठे प्रश्न के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अतुल मोदगिल ने जिले में ऐसे 955 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस थमाए हैं. उनसे 15 दिन में जवाब मांगा गया है. जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि अभी तक मात्र 160 शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब दिया है.

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ज्यादातर शिक्षकों का कहना है कि जब उनकी नौकरी लगी थी, उस समय यह नियम नहीं था. इसके बाद जब नियम बना तो इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी. जिसके चलते उनके यहां तीसरी संतान हुई है. वहीं कुछ शिक्षकों ने इसका ठीकरा स्वास्थ्य विभाग पर फोड़ दिया है. उनका कहना है कि उन्होंने दो बच्चे होने के बाद टीटी ऑपरेशन करा लिया था. लेकिन इसके बाद भी तीसरे बच्चे का जन्म हो गया. तीन से चार शिक्षकों ने अपने जवाब में बताया है कि उन्होंने तीसरे बच्चे को अपने स्वजनों को गोद दे दिया है, लेकिन उन्होंने गोदनामा के दस्तावेज जमा नहीं किए हैं.

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